राजधानी दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर शनिवार सुबह 8 बजे एक और भीषण हादसा हुआ। शनिवार सुबह हुए हादसे में दो बाइक सवारों में से एक की जान चली गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। ब्रिज से रास्ता पार कर रहे युवक की बाइक अचानक फिसल गई और मौके पर ही बाइक चालक की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे के भीतर सिग्नेचर ब्रिज पर हादसे की यह दूसरी घटना है।
सिग्नेचर ब्रिज पर हुए हादसों के बाद पुल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सिग्नेचर ब्रिज की डिजाइन में कोई खामी नहीं है। लेकिन दैनिक यात्री पुल के दोनों किनारों के गैप पर सवाल उठा रहे हैं। इन्हीं गैप की वजह से शुक्रवार का हादसा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, आज सुबह बाइक पर सवार दो लोग भजनपुरा की तरफ जा रहे थे, जहां शुक्रवार को हादसा हुआ था। उसके अपोजिट रोड पर मोड़ पर अचानक उनकी बाइक स्लिप हो गई। इस हादसे में बाइक चला रहा शंकर नाम का 24 साल का शख्स का सिर दीवार से लगा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
सिग्नेचर ब्रिज पर शुक्रवार सुबह हुए हादसे में बाइक सवार मेडिकल के दो छात्रों की मौत हो गई थी। मृतक विजय शंकरन बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में इंटर्नशिप कर रहा था। उसका साथी चंद्रशेखर उसी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दूसरे वर्ष का छात्र था।
जांच में पता चला है कि बाइक ब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइट से निकले तार में फंस गई और बेकाबू होकर रेलिंग से टकरा गई। इससे दोनों छात्र पुल से 30 फुट नीचे जा गिरे। सुबह करीब 8.45 बजे पुलिस को सूचना मिली कि बाइक सवार दो युवक सिग्नेचर ब्रिज से नीचे गिर गए हैं। इस हादसे के बाद खबरें आ रही थी दोनों युवक सिग्नेचर ब्रिज पर सेल्फी खींच रहे थे।
सिग्नेचर ब्रिज हादसे को विशेषज्ञ लापरवाही करार दे रहे हैं। आईएसपीसी के पवन गुप्ता का कहना है कि सिग्नेचर ब्रिज का डिजाइन भारतीय सड़क कांग्रेस ने मंजूर किया है। इसके निर्माण पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की भी नजर रही है।
डिजाइन की जगह वाहन चालकों की लापरवाही हादसे के लिए जिम्मेदार हो सकती है। सुबह के वक्त सड़क खाली रहने से वाहनों की रफ्तार ज्यादा होती है। सिग्नेचर ब्रिज सेल्फी प्वाइंट भी बन गया है। ऐसी हालत में ट्रैफिक पुलिस व डीटीटीडीसी को ज्यादा से ज्यादा साइनेज बोर्ड लगाने चाहिए। वहीं, मुख्य कैरिज वे पर गाड़ियां पार्क नहीं होने देनी चाहिए।