SCO Summit: पीएम मोदी का इमरान खान को स्पष्ट संदेश, पहले खत्म करे आतंकवाद फिर करेंगे बात...

किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक (Bishkek) में चल रहे दो दिवसीय शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान पीएम इमरान खान आमने-सामने आए लेकिन उनके बीच ना कोई बात हुई और ना कोई मुलाकात। SCO की 19वीं बैठक के उद्घाटन समारोह में दुनिया के नेताओं ने हिस्सा लिया। संयोग से पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और इमरान खान (Imran Khan) हॉल में एक साथ ही पहुंचे। लेकिन पीएम मोदी ने इमरान खान से ना हाथ मिलाया और ना ही कोई अनौपचारिक बात की। उन्होंने इमरान खान (Imran Khan) को देखा तक नहीं। वह सीधे अपनी सीट पर बैठ गए। कल दिन में चली मुलाकातों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) विशेष डिनर में पहुंचे। इस डिनर में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) भी मौजूद थे। दोनों नेता एक ही टेबल पर बैठे थे, जानकारी मुताबिक, दोनों के बीच सिर्फ चार कुर्सियों का ही फासला था। दोनों नेताओं के एक ही मेज पर होने के बावजूद दोनों के बीच ना तो किसी तरह की बातचीत हुई और ना ही हाथ मिलाया गया। जानकारी के मुताबिक दोनों नेता एक ही समय पर डिनर हॉल में दाखिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने दूसरे नेताओं से बातचीत की लेकिन एक दूसरे के मुखातिब नहीं हुए। डिनर के बाद दोनों सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी साथ थे मगर वहां भी कोई बात नहीं की। पीएम मोदी विश्व के अन्य नेताओं के स्वागत में खड़े हुए और उनसे हाथ भी मिलाया लेकिन इमरान खान को स्पष्ट संदेश दे दिया कि मंच चाहे कोई भी हो, आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान के प्रति उनका रुख नहीं बदलने वाला है। दरअसल, भारत की ओर से ये पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश है कि जब तक वो आतंकवाद पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक किसी भी तरह की कोई बातचीत संभव नहीं है।

'पहले आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, फिर होगी बातचीत'

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से अलग-अलग मुलाकात की। शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद का मुद्दा उठाया। चीन पड़ोसी देश पाकिस्तान का दोस्त रहा है।

शी से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिसका असर उसके और भारत के संबंधों पर पड़ रहा है। विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी व शी के बीच मुलाकात के बाद कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे पटरी से हटा दिया गया। विदेश सचिव विजय गोखले के अनुसार, मोदी ने राष्ट्रपति शी से कहा, ‘‘पाकिस्तान को आतंकवाद मुक्त वातावरण तैयार करने की जरूरत है, लेकिन फिलहाल हमें ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। हम पाकिस्तान से आशा करते हैं कि बातचीत बहाल करने के लिए वह ठोस कदम उठाएगा।’’ विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्थिति लगातार यही बनी हुई है कि वह पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। मोदी ने शी से कहा कि पाकिस्तान को 'आतंक से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है, लेकिन अभी तक हम ऐसा होते नहीं देख रहे हैं।'

भारत के साथ पाक के संबंधों पर इमरान खान ने कही यह बात...

बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने प्रचंड जनादेश का उपयोग करेंगे। खान और मोदी दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए किर्गिज गणराज्य की राजधानी बिश्केक में हैं।

खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है। खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है। उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है। उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं।

गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है।

वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है। मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की उम्मीद करता है।

खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है। और यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से हमें (इस सिलसिले में) भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है।

खान ने कहा, ‘‘लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है।

खान ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं। लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है।’’