SCO सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए PM मोदी बिश्‍केक रवाना, PAK पीएम इमरान खान से होगा आमना-सामना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाली दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज गुरुवार सुबह रवाना हो गए। खास बात है कि पीएम मोदी का विमान पाकिस्तान के वायु क्षेत्र से नहीं गुजरेगा। पीएम मोदी ओमान, ईरान और मध्य एशिया के देशों के रास्ते भारतीय समय के मुताबिक दोपहर करीब 1:30 बजे बिश्केक पहुंचेंगे। उनकी कुछ द्विपक्षीय मुलाकातें आज शाम होनी हैं। वहीं देर शाम वो किर्गिस्तान राष्ट्रपति द्वारा दिए गए रात्रिभोज में शरीक होंगे। गुरुवार को बिश्‍केक में शुरू हो रहे इस सम्‍मेलन में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पहली बार शामिल हो रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में भाग लेने के लिए बिश्केक रवाना हो गए थे। सम्मेलन के इतर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। आम चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बैठक है। एससीओ का 19वां सम्मेलन किर्गिस्तान के बिश्केक में 13 से 14 जून तक चलेगा। एससीओ, चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था। मोदी 14 जून को सम्मेलन को संबोधित करेंगे और फिर उसी शाम नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। वापसी से पहले पीएम मोदी तीन नेताओं के साथ मिलेंगे। इसमें चीन और रूस के राष्ट्रपति के अलावा मेज़बान किर्गिस्तान के राष्ट्रपति भी शामिल हैं।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से सामना

पीएम मोदी का आमना-सामना पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से भी होगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच एससीओ शिखर सम्मेलन के हाशिए पर फिलहाल किसी द्विपक्षीय मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है न ही किसी तरह की औपचारिक भेंट का कोई कार्यक्रम।

वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर जोर रहेगा

किर्गिस्तान के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किर्गिज गणराज्य में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर मुख्य जोर रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने में हम एससीओ को विशेष महत्व देते हैं। भारत ने दो साल पहले एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद इसके विभिन्न वार्ता तंत्रों में सक्रियता से भाग लिया है।’’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने किर्गिज गणराज्य की अध्यक्षता को पूरा सहयोग दिया है।

पीएम मोदी द्वारा आतंकवाद के बढ़ते खतरे सहित क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों से निपटने के बारे में भारत के रूख को स्पष्ट करने की उम्मीद है। पीएम मोदी के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पहली बहुपक्षीय बैठक होगी जिसमें वह भाग लेने जा रहे हैं। भारत 2005 से एससीओ में एक पर्यवेक्षक रहा है और समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया है।

भारत और पाकिस्तान को 2017 में एससीओ की स्थायी सदस्यता दी गई थी। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में हुयी थी। एससीओ अभी दुनिया की आबादी के लगभग 42 प्रतिशत और वैश्विक जीडीपी के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।

मोदी ने एससीओ को महत्व देते हुए इसके अध्यक्ष राष्ट्र किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव को बिम्सटेक के अन्य नेताओं तथा मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ पिछले महीने अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। यह एससीओ का पहला सम्मेलन है जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भाग ले रहे हैं। चीन सम्मेलन से इतर शी और मोदी की मुलाकात को लेकर अपनी अपेक्षाएं प्रकट कर चुका है।

चीन के उप विदेश मंत्री झांग हान्हुई ने मोदी-शी की मुलाकात पर एक सवाल का जवाब देते हुए इस महीने की शुरूआत में यहां कहा था, ‘‘राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री मोदी अच्छे दोस्त हैं। उनकी पिछले साल वुहान में बहुत सफल अनौपचारिक मुलाकात हुई थी।’’ अनौपचारिक वुहान वार्ता ने भारत और चीन को उस तनाव को कम करने में मदद की थी जो भारत-चीन-भूटान सीमा पर 2017 में डोकलाम के गतिरोध के दौरान पैदा हुआ था।