अकेले दमपर बहुमत जुटा सकती है शिवसेना, मुख्यमंत्री तो हमारा ही होगा : संजय राउत

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना में शुरू हुई तनातनी के बीच शुक्रवार को संजय राउत ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर शिवसेना ने निर्णय कर लिया तो महाराष्ट्र में स्थायी सरकार गठन के लिए बहुमत जुटा सकती है। संजय राउत का कहना है कि लिखकर ले लीजिए, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। सरकार गठन की प्रक्रिया तय वादों के हिसाब से ही आगे बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की जनता चाहती है कि जो भाजपा-शिवसेना के बीच 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था, उसी पर बात आगे बढ़े। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर उद्धव जी और हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचता। इसके अलावा संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा, ‘साहेब! मत पालिए, अहंकार को इतना, वक्त के सागर में कई सिकंदर डूब गए।’ हालांकि, इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया गया है लेकिन शिवसेना नेता का इशारा साफ है कि निशाने पर भारतीय जनता पार्टी है।

संजय राउत ने कहा कि जिनके पास बहुमत नहीं है, वह सरकार बनाने की ना सोचें। बीजेपी की ओर से कैबिनेट पद के ऑफर पर उन्होंने कहा हम व्यापारी नहीं हैं, इसलिए हम व्यापार की बात नहीं करते। जिसके पास बहुमत है, वे सरकार बना लें। वे सबसे बड़ी पार्टी है। अगर वे दावा पेश करते हैं या राज्यपाल उन्हें बुलाते हैं तो यह उनका लुकआउट है।

राउत ने कहा कि हर पार्टी की अपनी-अपनी सोच होती है। कांग्रेस जिस प्रकार की राजनीति करती आई है, वह भी नहीं चाहेगी कि सत्ता भाजपा के पास आ जाए। हमारी कोई चर्चा उनसे नहीं हुई। लेकिन शिवसेना चाहे तो बहुमत जुटा सकती है। अगर उद्धव जी ने कहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा तो वह जरूर होगा। अगर हम चाहें तो दो-तिहाई बहुमत से सरकार बना सकते हैं। हम कहेंगे कि अगर आपके पास (भाजपा) बहुत नहीं है तो सरकार बनाने की हिम्मत न करें।

उन्होंने कहा कि शरद पवार राज्य के बड़े नेता हैं, उनसे मुलाकात के कुछ और मायने नहीं निकालने चाहिए। दरअसल, गुरुवार शाम को संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि राज्य में सरकार गठन में राकांपा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। राउत के मुलाकात के बाद शरद पवार के आवास पर राकांपा नेताओं की बैठक भी हुई। इसमें सुप्रिया सुले, धनंजय मुंडे और अजित पवार शामिल हुए। हालांकि, इस बैठक के बाद पार्टी की ओर से बयान दिया गया कि हमें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश मिला है।

बता दे, गुरुवार को हुई शिवसेना विधायक दल की बैठक से पहले भी संजय राउत ने तीखे तेवर दिखाए थे और कहा था कि हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं, अगर कोई वादे से मुकरा है तो वह हमारे दोस्त (भाजपा) हैं।

आपको बता दें कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्यमंत्री पद और कैबिनेट में हिस्सेदारी को लेकर खींचतान चल रही है। भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने पर राजी नहीं है लेकिन शिवसेना अपनी मांग पर अड़ी है और हर बार 50-50 फॉर्मूले का हवाला दे रही है।

आपको बता दें कि भाजपा की ओर से शिवसेना को 13 मंत्रालय, डिप्टी सीएम के पद का प्रस्ताव दिया जा सकता है। लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की बात कर रही है। हालांकि, इन दावों और वादों पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इधर, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘राज्य का मुख्यमंत्री उनका होगा। यह शिवसेना की इच्छा है। हर व्यक्ति अपनी इच्छा रख सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली की छुट्टियों के कारण सरकार गठन को लेकर शिवसेना से चर्चा में देरी हुई। मुख्यमंत्री तो देवेंद्र फडणवीस ही होंगे।