रामलला की प्राण प्रतिष्ठा साधु संत करेंगे, प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में उपस्थित रह सकते हैं: नृपेन्द्र मिश्रा

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने रहे राम मंदिर के भव्य उद्घाटन को लेकर तैयारियों काफी जोरो शोरो से चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 में मंदिर की आधारशिला रखी थी। पहले मीडिया में खबर चल रही थी कि पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। लेकिन खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं करेंगे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे, वे कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

दैनिक भास्कर को दिए अपने साक्षात्कार में नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि एक बात स्पष्ट करना चाहूंगा कि भगवान राम नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से ही विराजेंगे। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मुख्यत: साधु-संतों का कार्य क्षेत्र है और वे ही इसे संपन्न करेंगे। प्रधानमंत्री वहां पर मौजूद रह सकते हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा साधु-संत ही करेंगे। यह कार्यक्रम दस दिन चलेगा।

प्राण प्रतिष्ठा की जो अंतिम तिथि साधु-संत निर्धारित करेंगे, उस दिन प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहेंगे। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने उनसे इसका अनुरोध किया है। अभी PMO से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त 2020 में मंदिर की आधारशिला रखी थी। इसलिए वह प्राण प्रतिष्ठा में भी मौजूद रहेंगे, ऐसी हम सबकी इच्छा और अपेक्षा है।

एक दिन में एक से डेढ़ लाख भक्त करेंगे दर्शन

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने राम मंदिर तैयार हो जाने के बाद रोजाना एक से डेढ़ लाख भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि गर्भगृह में भगवान के दर्शन करने के लिए सभी भक्तों को 20 से 30 सेकेंड का समय मिलेगा।

मंदिर ट्रस्ट ने पीएम मोदी को भेजा निमंत्रण


प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल होंगे। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है। अभी PMO से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

राम मंदिर का निर्माण कब तक पूरा होगा


मंदिर का निर्माण 5 अगस्त 2020 या उससे भी 2 या 3 महीने पहले से चल रहा है। यह कार्य तीन चरणों में पूरा होगा।

पहला- दिसंबर 2023 में पूरा होगा। इसमें ग्राउंड फ्लोर का निर्माण होगा और वहां भगवान स्थापित हो जाएंगे।

दूसरा- इसमें मंदिर निर्माण पूरा होगा। इसे दिसंबर 2024 तक कर लिया जाएगा।

तीसरा और आखिरी चरण दिसंबर 2025 में पूरा होगा। इसमें पूरे मंदिर परिसर का निर्माण होना है, जिसमें अन्य महत्वपूर्ण भवन और मंदिर भी शामिल हैं।