रीट पेपर लीक के बाद हुई किरकिरी को समटने में लगी प्रदेश सरकार, नकल रोकने के लिए बनाई कमेटी

राजस्थान में रीट पेपर लीक को लेकर SOG जांच में लगातार कई खुलासे हो रहे हैं। इसकी वजह से प्रदेश सरकार को काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा हैं जिसे समेटने के लिए प्रदेश सरकार ने एक कमेटी बनाई हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सुझाव देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात हुई हाईलेवल मीटिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के सुझाव देने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। यह कमेटी अलग-अलग पॉइंट्स पर स्टडी कर 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विजय कुमार व्यास की अध्यक्षता में बनाई गई यह कमेटी पूरी परीक्षा प्रक्रिया की स्टडी कर सरकार को सुझाव देगी। कमेटी में पूर्व आईपीएस अधिकारी और आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन महेन्द्र कुमावत सदस्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य सचिव होंगे।

हाईलेवल कमेटी अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न बैंक बनाने, प्रश्न पत्र तैयार करने, प्रिटिंग प्रोसेस के दौरान हाई लेवल सिक्योरिटी और सीक्रेसी सुनिश्चित करने, प्रिंटिंग के बाद परीक्षा मुख्यालय तक प्रश्न पत्रों के पहुंचने, पेपर स्टोरेज सेंटर, एक्जामिनेशन सेंटर और उसके बाद की सुरक्षा और सीक्रेसी पर सुझाव देगी। साथ ही कमेटी एग्जामिनेशन सेंटर बनाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्जाम के दौरान सेंटर की सुरक्षा और गोपनीयता के नॉर्म्स और उपायों के संबंध में अपने सुझाव देगी।

कैंडिडेट्स को एग्जामिनेशन सेंटर के अलॉटमेंट का ऑब्जेक्टिव और ट्रांसपरेंट प्रोसेस, परीक्षा के लिए जिला कॉर्डिनेटर, एग्जाम सेंटर सुप्रीटेंडेंट, ऑबजर्वर का रोल और ड्यूटी तय करने, किसी तरह की कोताही बरतने पर डिसिप्लीनरी एक्शन के संबंध में भी कमेटी सुझाव देगी। इसके अलावा कमेटी परीक्षा खत्म होने के बाद आंसर शीट्स का सीक्रेट तरीके से कमीशन या बोर्ड तक ट्रांसपोर्टेशन करने, आंसर शीट्स की जांच और रिजल्ट जारी होने तक पूरी सिक्योरिटी, सीक्रेसी और ट्रांसपरेंसी के बारे में सुझाव देगी।