नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म पर विवादित बयान ने सियासी भूचाल लाने का काम किया है। अब इस विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। बुधवार (6 सितंबर) को मंत्रिपरिषद की बैठक में उन्होंने दो टूक कहा है कि उदयनिधि के बयान पर सही तरह से जवाब देना बहुत जरूरी है। इसके अलावा उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे इंडिया बनाम भारत के विवाद में बयानबाजी न करें। मोदी की इस टिप्पणी और सुझाव से साफ हो गया कि सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान को बीजेपी बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में है।
उदयनिधि ने कहा थातमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, 'सनातन का बस विरोध नहीं किया जाना चाहिए, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। ये धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।'
इस पर भाजपा के साथ-साथ धर्म गुरुओं ने भी उदयनिधि को घेरा हुआ है। उदयनिधि के बहाने विपक्षी पार्टियों के गठबंधन I.N.D.I.A. पर भी सवाल उठे. स्टालिन की पार्टी DMK भी I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा है. बीजेपी और धर्म गुरुओं का कहना था कि धर्म के खिलाफ इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए. चौतरफा हमलों के बाद कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों ने उदयनिधि के बयान से खुद को अलग कर लिया था. वहीं उदयनिधि फिलहाल अपने बयान पर कायम हैं।
इंडिया बनाम भारत पर हंगामा जारी
सनातन धर्म पर मचे हंगामे के बीच इंडिया बनाम भारत की बहस भी चल रही है। दरअसल, जी-20 बैठक के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ से निमंत्रण पत्र जारी हुए थे। इसमें 9 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में होने वाले कार्यक्रम के लिए जारी न्योते के ऊपर लिखा है- द प्रेसिडेंट ऑफ भारत।
इसके बाद कांग्रेस की तरफ से बहस छेड़ दी गई कि सरकार I.N.D.I.A. गठबंधन से डर गई है और देश का आधिकारिक नाम INDIA से बदलकर भारत कर देना चाहती है। इसके बाद खबरें आईं कि अगले हफ्ते जो संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है उसमें इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।
संसद में ऐसा कोई प्रस्ताव आएगा या नहीं ये तो अभी साफ नहीं है, लेकिन इस बीच मंगलवार को ही जी-20 कार्यक्रम के नए पहचान पत्र सामने आए थे। इन पर अब 'भारत के अधिकारी' लिखा हुआ है, जबकि पहले ऐसे कार्ड्स पर Indian official लिखा होता था।
देश के नाम की जगह भारत लिखना पहले ही शुरू कर चुकी हैएक और बात सामने आई थी। इसमें पता चला था कि देश के नाम की जगह भारत लिखना मोदी सरकार पहले ही शुरू कर चुकी थी। दरअसल, जब पीएम मोदी पिछले महीने साउथ अफ्रीका और ग्रीस के दौरे पर गए थे, तब उनके फंक्शन नोट्स पर भी भारत के प्रधानमंत्री लिखा हुआ था, लेकिन इस पर ध्यान अब गया।