REET पेपर लीक का मास्टरमाइंड केदारनाथ में चढ़ा पुलिस के हत्थे, एक दिन पहले ही मिल चुका था पेपर, नेटबंदी से पहले ही किया शेयर

26 सितंबर को राजस्थान के हजारों केंद्र पर REET की परीक्षा कराई गई जिसमें लाखों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इस परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था जिसकी वजह से REET के 23 लाख अभ्यर्थियों के भविष्य दांव पर लग गया। इस नकल मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड बत्तीलाल मीणा को एसओजी ने उत्तराखंड के केदारनाथ से रविवार को गिरफ्तार कर लिया। 26 सितम्बर को पेपर लीक का खुलासा होने के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में छिपता रहा। एसओजी पिछले कई दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। तीन दिनाें से उसकी लोकेशन उत्तराखंड में मिल रही थी। बत्तीलाल के भाई राजेश को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। एसओजी की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि बत्तीलाल ने साढ़े 8 लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था।

REET पेपर लीक कराने का मास्टरमाइंड बत्तीलाल मीणा उर्फ विकास मीणा है। एसओजी के इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल को उत्तराखंड में बत्तीलाल के होने का पता लगा था। फिलहाल बत्तीलाल को लेकर एसओजी टीम उत्तराखंड से लेकर रवाना हो चुकी है। उसके साथ एक अन्य युवक को भी गिरफ्तार किया गया है। अब तक पूरे मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जयपुर में ही परीक्षा से एक दिन पहले उसे पेपर मिल चुका था। एसओजी की जांच में पता लगा कि नेटबंदी से पहले ही बत्तीलाल ने पेपर आउट कर वॉट्सऐप पर अपने परिचित आशीष काे भेज दिया था।

जब पेपर आउट हुआ तो बत्तीलाल की मोबाइल लोकेशन जयपुर में ही थी। पेपर जयपुर से ही आउट हुआ है। आशीष ने बहनों ऊषा व मनीषा को नकल करने के लिए पेपर दे दिया। एक अन्य आरोपी दिलखुश भी आशीष के पास था। इससे पेपर दिलखुश को भी मिल गया। इंटरनेट बंद होने पर आशीष ने कॉन्स्टेबल देवेंद्र को गंगापुर सिटी में करौली फाटक के पास बुलाया था। आशीष के मोबाइल में पेपर की फोटो कांस्टेबल देवेंद्र ने ली थी। फिर देवेंद्र ने हेड कॉन्स्टेबल यदुवीर को बता दिया। देवेंद्र के मोबाइल में पेपर के 33 फोटो मिले थे। वहां से देवेंद्र ने परिचित हेड कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र के सरकारी क्वार्टर में जाकर पत्नी को पेपर और आंसर बता दिए। इन सभी की बत्तीलाल मीणा से सांठगांठ थी।