मंदी की आहट के बीच RBI ने मोदी सरकार को दिए 1.76 लाख करोड़

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्र सरकार को लाभांश और सरप्लस फंड की मदद से 1.76 लाख करोड़ रुपये देगी। सोमवार को हुई बैठक के बाद आरबीआई ने अपने बयान में कहा, 'बोर्ड ने मोदी सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया है, जिसमें से 1,23,414 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि 2018-19 के लिए होगी। इसके अलावा संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे के अनुसार 52,637 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधानों के तहत दिए जाएंगे।' इस सरप्लस ट्रांसफर से सरकार को अपने कर राजस्व में किसी भी संभावित कमी पर आने में मदद मिलेगी। यह सरप्लस ट्रांसफर जीडीपी (2018-19) का 1.25 प्रतिशत है। RBI द्वारा मिले सरप्लस फंड को सरकार बैंकों में डालेगी। सरकार पहले ही सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा कर चुकी हैं। बैंकों में पूंजी डालने से लिक्विडिटी बढ़ेगी। वित्तीय संकट से जूझ रहे बैंकों को राहत मिलेगी। सरप्लस कैश होने पर बैंक सस्ता कर्ज देते हैं। इससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है यानी खपत में बढ़ोतरी होती है, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकार सरप्लस फंड का इस्तेमाल कर सकती है। देशभर में आम्रपाली, यूनिटेक और जेपी जैसे लटके प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार वित्तीय मदद दे सकती है। इससे लोगों को उनका आशियाना मिल जाएगा जिसके पाने की आस वर्षों से लगाए बैठे हैं।

रिजर्व बैंक ने मोदी सरकार की सलाह के बाद एक कमिटी का गठन किया था, जिसकी कमान पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जालान के हाथों में थी, ताकि केंद्रीय बैंक के मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा की जा सके।

इस कमिटी का काम यह सलाह देना था कि आरबीआई को कितनी पूंजी अपने पास रखनी चाहिए और बाकी सरकार को देनी चाहिए। आरबीआई के पास 2017-2018 के वित्तीय वर्ष के आखिर में 9.6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी थी। पिछले दिनों सरप्लस राशि का मुद्दा मोदी सरकार और आरबीआई के बीच तनातनी की वजह बन गया था। सरकार ने कहा था कि रिजर्व बैंक किसी भी अन्य सेंट्रल बैंक की तुलना में बहुत ज्यादा नकदी रिजर्व रख रहा है और उसे पूंजी की भरपूर मात्रा केंद्र सरकार को देनी चाहिए।

इस विवाद के बीच उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। वित्त मंत्रालय ने तर्क दिया था कि आरबीआई के पास अपनी कुल संपत्ति के 28 फीसदी के बराबर बफर पूंजी है, जो वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा रखे जाने वाली रिजर्व पूंजी की तुलना में कहीं ज्यादा है। वैश्विक नियम 14 फीसदी का ही है। हालांकि उर्जित पटेल के बाद पूर्व आर्थिक सचिव शशिकांत दास को नया आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया।