नई दिल्ली। रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘एनिमल’ इन दिनों लाइमलाट में बनी हुई है। फिल्म का जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। चारों तरफ इस फिल्म को लेकर चर्चा हो रही है। खासतौर से रणबीर कपूर की शानदार एक्टिंग और उनके लुक को काफी पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा बॉबी देओल के किरदार की भी काफी चर्चा है। जहां फिल्म ने दुनियाभर में महज 6 दिनों में 500 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर लिया है, तो वहीं फिल्म को सोशल मीडिया पर खूब आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है।
फिल्म को महिला विरोधी और डार्क बताया जा रहा है। फिल्म में दिखाई गई हिंसा को लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अब फिल्म के लिए विरोध की गूंज संसद में भी सुनने को मिली है। कांग्रेस सांसद ने सदन में कहा है कि आखिर सेंसर बोर्ड ऐसा क्यों कर रहा है।
मेरी बच्चियां रोते हुए हॉल से आईंदरअसल कांग्रेस नेता रंजीता रंजन ने राज्यसभा में कहा कि ‘एनिमल’ में जिस तरह से हिंसा और खून खराबा दिखाया गया है, जिस तरह से महिलाओं के प्रति क्रूरता को दर्शाया गया है वो बेहद गलत है। उन्होंने कहा कि ‘फिल्में समाज का आईना होती है। हम लोग सिनेमा देखकर बड़े हुए हैं। किन आजकल कुछ ऐसी फिल्में आ रही हैं, जिनमें बहुत हिंसा दिखाई जा रही है। अभी एक फिल्म आई है एनिमल। मैं आपको कह नहीं पाऊंगी कि मेरी बेटी के साथ बहुत सारी बच्चियां कॉलेज में पढ़ती हैं। लेकिन वो आधी पिक्चर में ही उठकर रोती हुई हॉल से बाहर चली आईं।’
समाज में हिंसा का कारण ऐसी फिल्मेंरंजीता रंजन ने आगे कहा कि ‘महिलाओं के साथ अपमान को जस्टिफाई करना फिल्म के द्वारा सही नहीं है। कबीर सिंह और एनिमल में जिस तरीके से हीरो अपनी बीवी के साथ व्यवहार करता है, ऐसे बहुत से उदाहरण देखने को मिलेंगे। 11वीं और 12वीं के बच्चे इस तरह की फिल्मों को अपना आदर्श मानने लगे हैं। आज यही वजह है कि समाज में हिंसा देखने को मिल रही है।’
सेंसर बोर्ड पर उठाए सवालवहीं रंजीत रंजन ने इस फिल्म का गाना अर्जुन वेल्ली पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘उच्च कोटि का इतिहास है पंजाब का। हरि सिंह नलवा का। उसमें एक गाना है कि फड़के गंडासी मारी। ये इतिहास को एक गैंगवॉर में, दो परिवारों की नफरत की लड़ाई में, जिसका बेटा अपने बाप के प्यार के लिए मरता हुआ और कोई भी कानून उसे रोकता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जहां तक गाने का सवाल है, हरि सिंह नलवा कमांडर इन चीफ थे। उन्होंने मुगलों-अंग्रेजों के खिलाफ उनकी बढ़ती हुई सत्ता को रोकने के लिए लड़ाई लड़ी थी। उनका बेटा था अर्जुन सिंह नलवा। उन्होंने कई मुसलमानों को 1947 में बचाने का काम किया था। उच्च कोटि के इतिहास से जुड़े गाने को बैकग्राउंड में गैंगवार के साथ दिखा रहे हैं। इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इस तरह की हिंसात्मक फिल्मों को आखिरकार सेंसर बोर्ड से हरी झंडी कैसे मिल जाती है, बोर्ड कैसे उन्हें पास कर देता है।’