रामलला प्राण प्रतिष्ठा: न्योता सभी को भेजा गया है, पर आएंगे वही जिन्हें भगवान राम बुलाएंगे

नई दिल्ली। अगले महीने राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। 22 जनवरी को होने वाले इस आयोजन के लिए देश के करीब 8000 गणमान्य लोगों को न्योता भेजा गया है। पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत समेत तमाम राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। हालांकि इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कई दलों ने न्योते की बात तो मानी है, लेकिन जाने से ही इनकार कर दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि अब तक न्योता नहीं मिला है, लेकिन आया तो जरूर जाएंगे। यदि न्योता नहीं भी मिला तो बाद में जाएंगे।

इस राजनीति के बीच भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने तंज कसते हुए कहा है कि जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है, वही आएंगे। मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'न्योता सभी को भेजा गया है, लेकिन आएंगे वही जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है।' वामपंथी पार्टी सीपीएम की नेता बृंदा करात ने तो जाने से ही इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए धर्म का राजनीतिकरण हो रहा है। करात ने कहा, 'हम नहीं जाएंगे। हम धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं। लेकिन वे लोग एक धार्मिक आयोजन को राजनीति से जोड़ रहे हैं। धर्म को राजनीति का हथियार बनाना ठीक नहीं है।'

राम मंदिर के उद्घाटन आयोजन में आने से इनकार करने वालों में अकेले लेफ्ट के ही नेता नहीं हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने भी जाने से इनकार किया है। उनका कहना है कि भगवान राम मेरे दिल में हैं। इसके लिए आयोजन में जाने की जरूरत नहीं है, जहां भाजपा चुनाव से पहले अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है। सिब्बल ने कहा, 'मैं जब दिल से ये बातें करता हूं तो मुझे इन चीजों से फर्क नहीं पड़ता। भगवान राम मेरे दिल में हैं। राम मेरे सफर में मुझे दिशा दिखाते हैं। इससे पता चलता है कि मैं कुछ सही कर रहा हूं।'

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग भगवान राम की बातें करते हैं, लेकिन उनका कैरेक्टर एकदम अलग है। भगवान राम सच्चाई, सहष्णुता, त्याग और दूसरों के सम्मान की सीख देते हैं, लेकिन इन लोगों का बर्ताव तो उससे एकदम उलट है। असल में भगवान राम के सिद्धांत दिल में होने चाहिए। सीपीएम के अलावा एक अन्य वामपंथी पार्टी सीपीआई भी इस इवेंट से दूरी बना सकती है। इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग हमसे सवाल पूछते थे, वे आएं अयोध्या हम उन्हें मंदिर दिखाएंगे।

कांग्रेस पर अब भी नजर, जाहिर नहीं कर रही राय

अब तक लेफ्ट समेत कई नेताओं ने अपनी राय जाहिर कर दी है, लेकिन कांग्रेस का रुख साफ नहीं है। ऐसे में सभी की नजर कांग्रेस पर है। पार्टी ने माना है कि मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को न्योता मिला है। लेकिन अब तक यह साफ नहीं किया है कि कौन जाएगा और कौन नहीं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी न्योता दिया गया है, लेकिन वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में कार्यक्रम में उनके शामिल होने पर भी संदेह है। माना जा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देने के लिए कांग्रेस की टॉप लीडरशिप दूर रह सकती है और प्रतिनिधियों को भेजा जा सकता है।