विवाद के बाद रामचंद्र गुहा ने डिलीट किया बीफ वाला ट्वीट, कहा - यह सही नहीं था

दो दिन पहले बीफ खाते वक्त अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डालने के बाद आलोचनाओं से घिरे जाने-माने इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। उनका कहना है कि वह ट्वीट सही नहीं था। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ट्वीट का मकसद बीफ पर भगवा पार्टी के ‘पाखंड’ को आड़े हाथ लेना था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे।

रामचंद्र गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने गोवा में अपने भोजन की तस्वीर हटा ली है, क्योंकि यह ठीक नहीं थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, मैं एक बार फिर बीफ के मामले में बीजेपी के घोर पाखंड को उजागर करना चाहता हूं।’’ गुहा ने कहा कि इंसान को अपनी पसंद के मुताबिक खाने, पहनने और प्यार करने का हक होना चाहिए।

इतिहासकार ने गांधीवादी होने के बाद भी बीफ खाने को लेकर अपना मजाक उड़ाने वालों को भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘तस्वीर के केंद्र में खुद को रखना दिखावटी और खराब था। मैं शब्दों के जरिए भी अपनी बात रख सकता था, जैसा कि मैंने अभी किया है।’’ इससे पहले, गुहा ने दिन में ट्वीट किया कि उन्हें और उनकी पत्नी को धमकी भरे कॉल किए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दिल्ली से एक शख्स ने धमकी भरा फोन किया। वह अपना नाम संजय बता रहा था। उसका नंबर +91-98351-3**** है। यह जानकारी के लिए है।’’ गुहा ने धमकी मिलने की सूचना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने उन्हें कहा है कि वह लिखित अनुरोध करें ताकि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एच शांतामलप्पा ने बताया, ‘‘हम उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें लिखित अनुरोध कर सुरक्षा मांगनी होगी।’’ कुछ ही मिनटों बाद गुहा ने एक अन्य ट्वीट किया जिसमें उन्होंने आर के यादव के खिलाफ आरोप लगाए।

गुहा ने यादव के पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, ‘‘धमकी भरा यह ट्वीट रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के एक पूर्व अधिकारी का है। मैं इसे जानकारी के लिए सामने रख रहा हूं और मुझे मिलने वाली हर धमकी के साथ यही करूंगा।’’

यादव ने ट्वीट किया था, ‘‘यदि कोई हिंदू बीफ खाए और इसका प्रचार करे तो वह इस धर्म पर कलंक है। रामचंद्र गुहा नाम का एक आदमी ऐसा कर रहा है। वह ऐसा प्रचार कर इस घटिया काम के द्वारा सभी हिंदुओं को उकसाने की कोशिश कर रहा है। करारा जवाब दिया जाना चाहिए।’