चुनावी आहट के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को सवर्ण वोटों पर नजर रखते हुए मोदी कैबिनेट ने गरीब सवर्णों (आर्थिक रूप से पिछड़ी ऊंची जातियों) को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने को मंजूरी दे दी। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा। अभी तक संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। ये 10% आरक्षण इससे अलग होगा। इसमें किसी भी आरक्षण के प्रावधान के तहत नहीं आने वाले वर्गो जैसे ब्राह्मण, बनिया, ठाकुर, जाट, गुज्जर, मुस्लिम व ईसाई शामिल होंगे। आज (मंगलवार) इस बिल को संवैधानिक मंजूरी देने के लिए आज लोकसभा में पेश किया जाएगा।
12 बजे पेश किया जाएगा बिलसंशोधन विधेयक दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत इस विधेयक को पेश करेंगे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार की कोशिश रहेगी कि मंगलवार के दिन इस संशोधन को लोकसभा में पास करवा लिया जाए और इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाए। इसी वजह से अब बुधवार तक के लिए ऊपरी सदन के सत्र को बढ़ा दिया गया है। बीजेपी का मानना है कि यदि विपक्षी पार्टियां इस विधेयक के खिलाफ वोट करती हैं तो वे समाज के एक प्रभावशाली तबके का समर्थन खो सकती है। ऐसे में इस विधेयक को पारित कराने के लिए बीजेपी को अन्य दलों की भी जरूरत है। हालांकि ज्यादातर दलों ने इसका समर्थन करने को कहा है। कांग्रेस ने भी सोमवार को कहा कि गरीबों के बच्चों को आरक्षण के लिए वह पूरा सहयोग एवं समर्थन करेगी। संविधान संशोधन विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में एक धारा जोड़कर शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। संसद में संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सरकार को दोनों सदनों में कम से कम दो-तिहाई बहुमत जुटाना होगा। लोकसभा में तो बीजेपी को दिक्कत नहीं होनी है, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।
फैसले में क्या कुछ है खास- सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा।
- बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10% का होगा। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है।
- केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आमदनी 8 लाख से कम होगी उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।
- जिन सवर्णों के पास खेती की 5 एकड़ से कम जमीन होगी, उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।
- इस आरक्षण का लाभ वे सवर्ण पा सकेंगे, जिनके पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी।
- जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे।
- इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
- सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा।