निजी कंपनियों के हवाले एअर इंडिया! सरकार ने कहा - अब चलाना असंभव

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन में कहा कि पब्‍लिक सेक्‍टर की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) निजीकरण तय है। उन्होंने कहा अब एअर इंडिया (Air India) को चलाना असंभव है। बता दे, एयर इंडिया की वित्तीय मुश्किलें बढ़ रही हैं। ऐसे में अक्टूबर के बाद कंपनी सैलरी भी नहीं दे पाएगी। यह जानकारी दो बड़े सरकारी अधिकारियों ने दी है। इनमें से एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'सरकार ने एयर इंडिया को 7,000 करोड़ की रकम पर सॉवरन गारंटी दी थी और कंपनी के पास 2,500 करोड़ रुपये बचे हैं, जिसका इस्तेमाल वह जल्द ही कर लेगी।' इस बीच, एयर इंडिया को भी इस वित्त वर्ष से 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान शुरू करना है, लेकिन उसकी हैसियत ऐसी नहीं दिख रही है। कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी है, लेकिन उसके स्वीकार किए जाने की संभावना कम है। सरकार इस कंपनी में 100 पर्सेंट हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है।

यह पहली बार है जब सरकार ने स्‍पष्‍ट तौर पर एअर इंडिया के निजीकरण की बात कही है। इससे पहले सरकार एअर इंडिया के विनिवेश की कोशिश कर रही थी।विनिवेश प्रक्रिया निवेश का उलटा होता है। जहां निवेश किसी कारोबार, किसी संस्था या किसी परियोजना में रकम लगाना होता है तो वहीं विनिवेश का मतलब उस रकम को वापस निकालना होता है।

आधा कर्ज अगले साल टालने की कोशिश

इस साल कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश में है। ऊपर जिन अफसरों का जिक्र है, उनमें से एक ने कहा, 'हम कुल कर्ज में से आधे का भुगतान अगले साल तक टालने की कोशिश कर रहे हैं। यह वर्किंग कैपिटल लोन है। हालांकि, बाकी कर्ज के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वह पैसा एयरक्राफ्ट की एवज में लिया गया है।'