विजयादशमी के मौके पर आज भारत को मिलेगा पहला राफेल जेट विमान, राजनाथ सिंह फ्रांस में करेंगे 'शस्त्र पूजन'

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती। इसी दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए विजया दशमी को आसुरी शक्तियों पर देवता की विजय के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन लोग शस्त्र-की पूजा भी करते हैं।

भारत में शस्त्र पूजा की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। महाराणा प्रताप की इस धरती पर राजपूत राजा दुश्मनों को रणभूमि में छक्के छुड़ाने से पहले अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते रहे हैं। इसी परंपरा का पालन करते हुए आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस में भारतीय परंपरा के अनुसार शस्त्र पूजा करेंगे। विधिवत शस्त्र पूजा के बाद रक्षामंत्री फ्रांस की कंपनी दसॉ से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल (Rafale Aircraft) का अधिग्रहण करेंगे और विमान में उड़ान भी भरेंगे। शस्त्र पूजा के साथ लड़ाकू राफेल (Rafale Aircraft) के अधिग्रहण के पीछे शायद यही धारणा होगी कि यह विमान भारत की ओर आंख उठाने वाली हर ताकत को नेस्तनाबूद करने में देश के सैन्य बल के लिए अहम साबित होगा। राफेल उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस लड़ाकू विमान है। दसॉ के साथ हुए सौदे की पहली खेप में भारत विजयादशमी के मौके पर 36 राफेल विमान हासिल करेगा।

बताया जाता है कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में इस लड़ाकू विमान के शामिल होने पर देश की सामरिक ताकत बढ़ेगी और दक्षिण एशिया में जहां पाकिस्तान का हमेशा शत्रुता का बर्ताव रहा है वह आंख उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करेगा। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा। रक्षा विशेषज्ञों की माने तो पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है। लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है। पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है।

राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं। भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था। वैसे तो सिंह मंगलवार को 36 राफेल जेट विमानों में पहला विमान मंगलवार को प्राप्त कर लेंगे लेकिन चार विमानों का पहला खेप अगले साल मई तक ही भारत आएगा। सभी 36 राफेल जेट विमान सितंबर, 2022 तक भारत पहुंचने की संभावना है। उसके लिए भारतीय वायुसेना जरूरी बुनियादी ढांचा तैयारी करने और पायलटों को प्रशिक्षण देने समेत जरूरी तैयारियां कथित रूप से कर रही है।