वैक्सीन की कमी के चलते राजस्थान में आज नहीं हुआ 18-44 उम्र के लोगों का टीकाकरण, कल भी संभावना कम

कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए लॉकडाउन के साथ वैक्सीनेशन भी बहुत जरूरी हैं। लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते राजस्थान में आज युवाओं का टीकाकरण नहीं हो पाया और कल भी इसकी संभावना कम ही हैं। क्योंकि भारत बायोटेक से 2.92 लाख डोज का स्टॉक आज आना था, जो देर शाम तक जयपुर नहीं पहुंचा। राज्य में अभी 76 फीसदी ऐसी जनसंख्या है, जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज का इंतजार है। राज्य में 5.32 करोड़ की लोग जिनकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है उनमें से 76 फीसदी लोगों को अब तक वैक्सीन नहीं लगी है। 24 फीसदी लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं। जिन 1.40 लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है उनमें से लगभग 23 फीसदी ऐसे लोग है, जो दोनों डोज लगवा चुके हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो 18 से 44 एज ग्रुप के लोगों के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों और केन्द्र सरकार से वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही। इस कारण इस एज ग्रुप वालों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम धीमा चल रहा है। राज्य में वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने के कारण आज प्रदेश के सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने पहुंचे लोग परेशान हुए और निराश लौट गए। इस एज ग्रुप के लिए राज्य सरकार को सीरम कंपनी और केन्द्र सरकार से अब तक मिली करीब 14.95 में से डोज में से 14.87 लाख डोज लग चुकी है। वहीं इस एज ग्रुप को 28 मई को भी वैक्सीन लगने की संभावना कम लग रही है। बुधवार को भी पूरे प्रदेश में इस एज ग्रुप के केवल 31,219 लोगों को ही टीका लगा, जबकि हर रोज इस एज ग्रुप के 50 से 60 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।

राज्य में आमजन के लिए वैक्सीनेशन एक मार्च से शुरू हुआ। तब से अब तक पूरे कुल 1.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन (कम से कम एक डोज) लगाई जा चुकी है। इसमें फ्रंट लाइन वर्कर्स, हेल्थ केयर वर्कर्स और 18 या उससे ज्यादा उम्र के लोग शामिल है। अभी तक सबसे ज्यादा डोज अभी 53.15 लाख डोज 60 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को लगी है। इसके अलावा 44 से 59 साल की उम्र के 51.82 लाख और 18-44 साल की उम्र वाले 14.87 लाख से ज्यादा लोग वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगवा चुके हैं।