मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में निर्धारित मापदंडों के अनुसार गांवों का चयन - राजेन्द्र राठौड़

जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में निर्धारित मापदंडों के अनुसार गांवों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि ऎसे गांवों का चयन किया गया है जिनमें पिछले पांच वषोर्ं से पानी टैंकरों द्वारा जलापूर्ति हो रही है या जो फ्लोराइड की चपेट में हैं।

श्री राठौड़ प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि अजमेर की जवाजा पंचायत समिति में जो गांव सभी मापदंड पूरे करते हैं, उन गांवों की डीपीआर तैयार करवाकर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत प्रथम चरण में 3 हजार 529 गांवों में 95 हजार से ज्यादा जल ढांचे बनाए गए। दूसरे चरण में 4 हजार 213 गांवों में एक लाख 29 हजार से ज्यादा जल सरंक्षण के ढांचे तैयार करवाए गए, जो आज भी वर्षा के पानी से लबालब हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण में 4 हजार 300 गांवों का चयन कर 1 लाख 50 हजार से ज्यादा जलगत ढांचे बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनके माध्यम से वर्षा जल को का संग्रहण हो सकेगा।

श्री राठौड़ ने बताया कि जल सरंक्षण के लिए प्रदेश भर में आमजन को जागरूक करने के लिए कई तरह की गतिविधियां चला रही हैं, जिसमें जल बजट की बातों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत कराए गए कायोर्ं में से 10 प्रतिशत कार्यों का थर्ड पार्टी से जांच करवाने का प्रावधान रखा गया है, जिससे अभियान के तहत करवाए गए कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत 450 गांवों में कराए गए कायोर्ं का थर्ड पार्टी जांच करवाई गई है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान कोई सरकारी अभियान न होकर आमजन का अभियान है। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों नेे इससे जुड़कर इसे आंदोलन का रूप देने का काम किया है।

इससे पहले विधायक श्री भागीरथ चौधरी के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए श्री राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत जलग्रहण (केचमेन्ट) क्षेत्र उपचार के कार्य, लघु सिंचाई योजना के कार्यो की मरम्मत, नवीनीकरण सुद्ढ़ीकरण, जलसंग्रहण ढांचों की क्षमता बढ़ाने के कार्य, पेयजल स्त्रोताें का सुदृढ़ीकरण करने के कार्य,चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण इत्यादि कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दिशा निर्देश की प्रति सदन के पटल पर रखी।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत अजमेर जिले में अब तक क्रमशः प्रथम चरण में 1785.38 लाख रुपए एवं द्वितीय चरण में 771.11 लाख रुपए राज्य मद से उपलब्ध कराए गए। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा उनके विभागीय मदों से कन्वर्जेन्स कर भी कार्य सम्पादित करवाए गए हैं। उन्होंने विधानसभा क्षेत्रवार प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण में स्वीकृत कायोर्ं की संख्या एवं स्वीकृत राशि का विस्तृत विवरण, पंचायत समितिवार प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण में स्वीकृत कार्य की संख्या एवं स्वीकृत राशि का विस्तृत विवरण सदन की मेज पर रखा।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम एवं दितीय चरण में कुल 24 भामाशाहाें (औधोगिक प्रतिष्ठान/धार्मिक सगंठन, जन प्रतिनिधि/दानदाता) द्वारा अब तक 40.42 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है, उन्होंने भामाशाह वार, विधानसभा क्षेत्रवार, पंचायत समितिवार प्राप्त की गई राशि का विस्तृत विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम एवं दितीय चरण के अन्तर्गत अजमेर जिले में जन प्रतिनिधियों, भामशाहों या एजेंसियों द्वारा कोई भी ग्राम गोद नहीं लिया है।