राजस्थान / सियासी ड्रामे पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा का पहला बयान, कहा - आंतरिक कलह का नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है

पिछले 9 दिनों से राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहली बार बयान दिया। उन्होंने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा 'कांग्रेस की आंतरिक कलह का नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।'

चुनी हुई सरकार गिराने की साजिश करना ठीक नहीं : BJP विधायक

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी विधायक कैलाश मेघवाल ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कैलाश मेघवाल ने कहा है कि चुनी हुई सरकार को खरीद फरोख्त कर गिराने की साजिश करना बिल्कुल गलत है। बीजेपी चाल चरित्र और नैतिकता वाली पार्टी है ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकार गिराने की हो रही साजिश को मैं सही नहीं मानता हूं। मेघवाल ने बीजेपी से कहा कि किसी भी फैसले में वसुंधरा राजे की राय लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजे की अनदेखी नहीं की जा सकती। कैलाश मेघवाल बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं और राजस्थान के मौजूदा सियासी उठापटक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ हैं। उन्होंने इस बारे में एक खत भी लिखा है। इसमें कहा गया है- जिस प्रकार का माहौल सरकार गिराने को लेकर पिछले दो महीने से बना हुआ है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस की

राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी फोन टैपिंग पर भाजपा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा कि क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग हुई, क्या सरकार ने खुद को बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? इसकी जांच सीबीआई से कराई जाना चाहिए। ऑडियो टेप गुरुवार रात सामने आए थे। कांग्रेस का आरोप है कि इसमें सरकार गिराने को लेकर बातचीत की गई। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने शनिवार को कहा है कि मैं भाजपा को 19 विधायकों को अपने चंगुल से मुक्त करने की चुनौती देता हूं। ऐसा करते ही वे सभी वापस कांग्रेस में लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों को यह मालूम है कि अगर लोग उन्हें बिका हुआ देखेंगे, तो वे उनका सामना नहीं कर पाएंगे।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, '2018 में जब राजस्थान सरकार बन रही थी तब से गहलोत और पायलट गुट में सड़कों पर लड़ाई चल रही है। गहलोत के सीएम बनने के बाद कांग्रेस में शीत युद्ध की स्थिति बनी रही। गहलोत जी ने खुद मीडिया के सामने कहा है कि 18 महीने से सीएम और डिप्टी सीएम के बीच बात नहीं हो रही थी। उसके बाद आपने देखा कि हाईकमान तक बात पहुंची। हाईकमान से हाईकोर्ट तक पहुंची। गहलोत जी कहते हैं कि कोई हैंडसम हो, अच्छी बाइट दे तो उससे अच्छा नेता नहीं बनता। ये सारा षडयंत्र कांग्रेस में ही रचा जा रहा था।'

भाजपा ने गहलोत सरकार से पूछे 6 सवाल

- क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई?

- फोन टैपिंग की गई है तो क्या यह संवेदनशील इश्यू नहीं हैं?

- अगर फोन टैपिंग हुई तो क्या इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) का पालन किया गया?

- क्या गहलोत सरकार ने खुद को बचाने के लिए यह ऑडियो टैप का प्रौपेगेंडा खड़ा नहीं किया?

- क्या राजस्थान में किसी भी व्यक्ति का फोन टैप किया जा रहा है?

- क्या अप्रयत्क्ष रूप से राजस्थान में इमरजेंसी नहीं लगी है?

कांग्रेस के बागी विधायकों को भाजपा का संरक्षण

उधर, कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राजस्थान में संविधान को रौंदने की कोशिश की जा रही है। जब एसओजी की टीम कांग्रेस के बागी विधायकों की वॉइस सैंपल लेने गई तब उसे होटल में घुसने नहीं दिया गया। विधायक वहां से चले गए। बागी विधायकों को कर्नाटक ले जाने की कोशिश की जा रही है। इन्हें भाजपा का संरक्षण है। राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या की गई।