कांग्रेस में फिर हो सकती है सचिन पायलट की एंट्री, प्रियंका एक्टिव, अहमद पटेल-वेणुगोपाल को दी ये जिम्मेदारी!

राजस्थान में सियासी हलचल अभी खत्म नहीं हुई है। जहां एक तरफ सचिन पायलट स्पीकर की ओर से मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से अभी भी सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें की जा रही हैं। राजस्थान के मामले में एक बार फिर प्रियंका गांधी वाड्रा एक्टिव हो गई हैं। प्रियंका गांधी ने केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल से सचिन पायलट से बात करने को कहा है और पार्टी में वापस आने को कहा है। दूसरी ओर अशोक गहलोत अभी भी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। सचिन पायलट गुट के विधायकों को फोन किया जा रहा है और वापस आने को कहा जा रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी भी चाहते हैं कि पायलट को एक और मौका दिया जाए। बताया जा रहा है कि राहुल ने कांग्रेस नेताओं से कहा है कि पायलट ने चाहे जो भी कहा हो, लेकिन उन्हें परिवार में लौटने के लिए एक और मौका दिया जाए। पहले यह माना जा रहा था कि पायलट की बगावत से राहुल नाराज हैं, लेकिन अब कहा जा रहा है कि राहुल कोशिश कर रहे हैं कि पायलट की सम्मानजनक वापसी हो जाए।

प्रियंका गांधी के संपर्क में पायलट

प्रियंका गांधी पायलट के संपर्क में हैं। वे कई बार उनसे बात कर चुकी हैं। पार्टी के कई बड़े नेता जैसे- पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, प्रिया दत्त और शशि थरूर भी कह चुके हैं कि पायलट से बात होनी चाहिए। वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा ने भी ट्वीट किया था कि मतभेद होने का मतलब पार्टी विरोधी होना नहीं होता। विवाद सुलझाए जा सकते हैं, पहले ही ऐसा हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी अल्वा की बात का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि पायलट बिना शर्त वापसी कर गहलोत सरकार को सपोर्ट करेंगे तो कुछ महीने बाद उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

कपिल सिब्बल ने किया ट्वीट

कपिल सिब्बल ने इस मामले में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि कहा जा रहा है कि छवि खराब करने के लिए गलत अफवाह फैलाई जा रही है। फिर सचिन पायलट ने कहा कि वो बीजेपी ज्वाइन नहीं करेंगे। आगे कपिल सिब्बल ने लिखा कि मुझे लगता है कि मानेसर में रुके विधायक हरियाणा की बीजेपी सरकार की नजरों में छुट्टियां मना रहे हैं। लेकिन घर वापसी का क्या?

राजस्थान में सचिन पायलट गुट के खिलाफ एक्शन बढ़ सकता है। पायलट गुट के अहम किरदारों के खिलाफ एफआईआर हो सकती है। तीन विधायकों के परिवार की ओर से जबरन रखने की शिकायत की जा सकती है, जिसके बाद पुलिस एक्शन लेगी।

नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सचिन पायलट

आपको बता दे, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को नोटिस दिया है। इस नोटिस का जवाब 17 तारीख तक देना है, जिसमें बताना है कि बैठक में ना आने पर उनकी सदस्यता क्यों ना रद्द कर दी जाए। पिछले दो दिनों से नोटिस को लेकर सचिन पायलट अपने वकीलों के साथ चर्चा कर रहे थे। सचिन पायलट चाहते हैं कि कानूनी प्रावधानों का सहारा लेकर विधायकों को एक गुट के रूप में मान्यता दिलवाई जाए। स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने का एक आधार ये भी होगा कि विधायकों को नोटिस का जवाब देने को दो ही दिन का समय दिया गया है जो बेहद कम है। जबकि विधान के मुताबिक विधायकों को अपनी सफाई और स्पष्टीकरण देने के लिए समुचित मोहलत देने का प्रावधान है।