राजस्थान: भाजपा में लगातार बढ़ रहा है विरोध, कोटपुतली कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में किया हंगामा

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा प्रत्याशियों की आई पहली सूची के बाद से विरोध प्रदर्शन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी कोटपूतली से आए लोगों ने पार्टी प्रत्याशी का विरोध जताते हुए इस्तीफा देने की चेतावनी तक दे डाली। एक ओर जहां लिस्ट आने के छठे दिन भी पार्टी में डैमेज कंट्रोल की कवायद सिरे नहीं चढ़ पाई है वहीं सांसदों को दी गई सीटों पर विरोध ज्यादा नजर आ रहा है।

भाजपा में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि उसे अब दूसरी लिस्ट जारी करने की कवायद शुरू करनी है। भाजपा की पहली सूची आने के बाद हो रहे विरोध को लेकर पार्टी नेता राजेन्द्र राठौड ने शुक्रवार को कहा था कि तीन दिन पहले जो टैम्परेचर था वो आज नहीं है। आज जो है वो कल नजर नहीं आएगा, लेकिन राठौड़ के इस बयान के विपरीत विरोध का टैम्परेचर बरकरार है। वह कम होने की बजाय बढ़ रहा है।

कोटपुतली के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा


शनिवार को भी कोटपूतली से आए लोगों ने राजधानी जयपुर में पार्टी मुख्यालय पर जमकर विरोध जताया। कोटपुतली से भाजपा ने हंसराज गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है। उसके विरोध में मुकेश गोयल के समर्थक आज पार्टी कार्यालय पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की। नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी नहीं बदलने पर पार्टी से इस्तीफा देने की चेतावनी भी दी। समर्थकों ने कहा कि जिसने पिछले चुनाव में पार्टी का विरोध किया था, आज उसी को टिकट पकड़ा दिया गया है।

सांसदों का विरोध ज्यादा हो रहा है

भाजपा के 41 प्रत्याशियों में उन सीटों पर विरोध ज्यादा हो रहा है, जहां पार्टी ने सांसदों को मैदान में उतारा है। इनमें किशनगढ़, सांचौर, जयपुर की झोटवाड़ा और विद्याधर नगर समेत कई इलाकों से विरोध की खबरें सामने आ रही हैं। अब तो आलम यह है कि बगावत के तहत निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी तैयारी की जा रही है. टिकट वितरण के बाद लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पार्टी की ओर से डैमेट कंट्रोल की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन वह अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है।

पार्टी नेताओं की उम्मीदें कायम हैं

पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं की ओर से की गई कोशिशों के बावजूद भी अभी तक कहीं से पार्टी के लिए सुखद खबर सामने नहीं आई है। हालांकि पार्टी को अब भी उम्मीद है कि समय रहते नाराज कार्यकर्ता मान जाएंगे। लेकिन अगर ये विरोध थमता नहीं है तो पार्टी को आने वाले समय में नुकसान हो सकता है।