राजस्थान के जयपुर में राजनीतिक दलों द्वारा कई बार फर्जी वोटरों की शिकायत किए जाने के बाद जिला निर्वाचन विभाग की ओर से किए गए डीसीआ सर्वे में जिले में करीब 12 हजार फर्जी मतदाता मिले हैं। ये सभी फर्जी मतदाता जिले में 10 लाख सस्पेक्ट मतदाताओं की जांच में मिले हैं। इस हिसाब से जयपुर में हर 10 में से एक मतदाता फर्जी है। जिले में 19 विधानसभा क्षेत्र हैं और सभी विधानसभा क्षेत्रों में मिले फर्जी वोटरों के आधार पर एक नया विधानसभा क्षेत्र बनाया जा सकता है। डीसीई सर्वे में प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र में 3 हजार से लेकर 13 हजार तक दोहरे नाम वाले मतदाता सामने आए हैं।
बता दें, प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले जयपुर के 19 विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख सस्पेक्ट मतदाताओं की जांच में 1 लाख 4 हजार फर्जी मतदाताओं का चौकाने वाले आंकड़ा सामने आया। सबसे ज्यादा सांगानेर, विद्याधर नगर और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता हैं। इनका खुलासा चुनाव आयोग के सॉफ्टवेयर द्वारा की जा रही ऑटो स्केनिंग से हुआ है। इन्हें डेथ, शिफ्टेड और माइग्रेशन के साथ मल्टीपल एंट्री के पैरामीटर पर फर्जी पाया गया और अब इनके नामों पर कैंची चलना शुरू हो चुकी हैं।
मतदाता सूचियों में किया जा रहा संशोधन
मतदाता सूचियों में संशोधन कर नई मतदाता सूचियां तैयार करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। संभवत: करीब तीन माह बाद विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले जिले से सभी संदिग्ध मतदाताओं के नाम सूची से बाहर कर दिए जाने का प्रशासन ने दावा किया है। जिला प्रशासन ने सभी 19 विधानसभाओं में प्रत्येक गांव और प्रत्येक बूथ स्तर पर बीएलओ भेजकर इन संदिग्ध मतदाताओं का भौतिक सत्यापन करवाया तो सच सामने आने पर अफसरों के होश उड़ गए और तुरंत वोटर लिस्ट से संदिग्ध मतदाताओं के नामों पर कैंची चलाना शुरू कर दिया।