राजस्थान के कोटा जिले में पिछले 24 घंटों के अंदर दो कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलों ने सनसनी मचा दी है। पहला मामला हरियाणा के निवासी नीरज जाट से जुड़ा है, जिसने मंगलवार रात अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं, दूसरा मामला मध्य प्रदेश के निवासी अभिषेक लोधा से संबंधित है, जिसने बुधवार रात अपने पीजी में आत्महत्या की। गुरुवार दोपहर अभिषेक के पिता कोटा पहुंचे, और पुलिस ने मृतक छात्र के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव उनके सुपुर्द किया।
सुसाइड नोट में माफी की मांगअभिषेक के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपने दादा-दादी, माता-पिता से माफी मांगी है। उसने लिखा था कि वह जेईई (JEE) प्रतियोगिता में सफल नहीं हो सकेगा और इसके कारण ही उसने यह कदम उठाया। अभिषेक ने अपनी चिंता और परीक्षा में असफलता के डर को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया।
अभिषेक के परिवार का बयानअभिषेक के पिता, महेन्द लोधा, जो पेशे से किसान हैं, ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की आत्महत्या के बारे में किसी प्रकार का संदेह नहीं था। वह हमेशा अपने बच्चों से बात करते थे और अभिषेक से भी लगातार संपर्क में रहते थे। उनके अनुसार, प्रतियोगी परीक्षा में असफलता का डर ही कारण था, जिसने अभिषेक को यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
अभिषेक के ताऊ कमल सिंह लोधा ने कहा, “अभिषेक पढ़ाई में बहुत अच्छा था, और 12वीं कक्षा में उसके 90% अंक आए थे। वह हमेशा मेहनत करता था और अच्छे परिणाम की उम्मीद करता था।
पढ़ाई के तनाव में आत्महत्या का कदमअभिषेक के चचेरे भाई अजय लोधा ने बताया, “अभिषेक अपनी इच्छा से ही कोटा आया था, लेकिन इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की चुनौतियों से वह तनाव में आ गया था। उसने सुसाइड नोट में यह स्पष्ट किया था कि वह यह परीक्षा पास नहीं कर पाएगा। हमें किसी पर दोष नहीं लगाना चाहिए, लेकिन पढ़ाई का तनाव ही उसकी आत्महत्या का मुख्य कारण था।
कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस की कमीविज्ञान नगर थाना अधिकारी मुकेश मीणा ने बताया कि जहां अभिषेक ने आत्महत्या की, उस कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं था, जो नियमों के अनुसार होना चाहिए था। पुलिस ने जिला प्रशासन को इस बारे में सूचित कर दिया है और प्रशासन पीजी मालिक के खिलाफ कार्रवाई करेगा। पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है और अन्य सभी पहलुओं पर भी छानबीन कर रही है।