जयपुर / एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में दो शव आपस में बदले, हुआ हंगामा

एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में दो शवों के अदला-बदली का मामला सामने आया है। यहां मंगलवार को गलती से दो शव आपस में बदल गए और इतना ही नहीं परिजनों को सौप भी दिए गए। दुखी एक परिवार के परिजनों ने भी शव को नहीं देखा और लेकर अपने घर को चले गए लेकिन जब दूसरे के परिजनों ने शव की शिनाख्त की तो इस बात का खुलासा हुआ। इसके बाद परिजन नाराज हो गए और उन्होंने वहां जमकर हंगामा किया।

मामले का पता चलने के बाद शव को लेकर गए परिजनों से संपर्क किया गया और उन्हें मामला बताया गया। इस पर वो भी नाराज हो गए और अस्पताल आते ही उनका गुस्सा फूट पड़ा। बामुश्किल उन्हें शांत कराया गया और सही शव देकर उन्हें भेजा गया। वहीं मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी और कहा है कि जो भी दोषी होगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

फागी तहसील के जयपालपुरा निवासी बाबूलाल की सोमवार देर रात एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। परिजन सुबह ही यहां की मोर्चरी पर शव लेने के लिए पहुंच गए। जहां सुबह ही उन्हें शव दे दिया जाना चाहिए था, वह उन्हें दोपहर तक नहीं सौंपा गया। जब परिजनों ने शव लेने के लिए हंगामा करना शुरू किया तो उन्हें बाबूलाल का शव बताकर बॉडी दे दी गई। लेकिन एक परिजन ने बाडी की शिनाख्त की बात कही और देखते ही कहा कि यह बाबूलाल का शव नहीं है। इस पर वहां मौजूद अन्य परिजनों ने भी शव देखा और इस पर सहमति जताई।

मामला सामने आते ही मोर्चरी के बाहर हंगामा हो गया। इसके बाद प्रशासन को इसकी सूचना दी गई और पता किया गया कि आखिर शव कहां गया। सामने आया कि गफलत में बाबूलाल का शव कौथून के किसी दूसरे परिवार को दे दिया गया है। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने कौथून शव लेकर गए परिजनों से बात कर उन्हें वापिस जयपुर बुलवाया। यहां उनका शव आने के बाद दोनों को सही शव सौंपे गए।

इसमें गलती किसकी

ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर इसमें गलती किसकी है। दरअसल, शव को देने से पहले इंचार्ज डॉक्टर शिनाख्त कराता है और हस्ताक्षर के बाद ही शव को दिया जाता है। लेकिन जांच में सामने आया कि जब शव को दिया जा रहा था उस समय वहां डॉक्टर मौजूद नहीं था। हंगामा और शव बदलने के इस मामले की जानकारी जब एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ राजेश शर्मा को मिली तो वे भी चौंक गए। उन्होंने कहा- हमने इस मामले में जांच कमेटी बनाई है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इसके बाद दोषी पर ठोस कार्रवाई करेंगे।