इस दिवाली राजस्थान में नहीं चलेंगे पटाखे, कोरोना के कारण गहलोत सरकार ने लगाई रोक

राजस्थान में इस साल दिवाली पर पटाखे नहीं चलेंगे। सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना रोगियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए प्रदेश में दिवाली पर आतिशबाजी पर रोक​ लगा दी है। पटाखों से निकलने वाले विषैले धुएं से कोविड संक्रमित रोगियों को होने वाली दिक्कत को देखते हुए यह रोक लगाई गई है। सीएम ने रविवार को कोरोना के साथ ‘नो मास्क-नो एंट्री’ और ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की समीक्षा की। सीएम गहलोत ने कहा कि आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोविड मरीजों के साथ ही हृदय और श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दिवाली पर लोग आतिशबाजी से बचें। उन्होंने पटाखों के विक्रय के अस्थायी लासेंस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि शादी और अन्य समारोह में भी आतिशबाजी को रोका जाए।

सीएम गहलोत ने प्रदेश में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक के साथ-साथ बिना फिटनेस के धुआं उगलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम ने निर्देश दिए कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। फिटनेस होने के बावजूद यदि वाहन निर्धारित मात्रा से अधिक धुआं छोड़ते पाया जाता है तो संबंधित फिटनेस सेंटर पर भी कार्रवाई हो। सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है।

सीएम ने कहा कि जर्मनी, यूके, फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे विकसित देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है। कई देशों को तो पुनः लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा है। हमारे यहां भी ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए हमें कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। सीएम ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे लालबत्ती होने पर वाहनों के इंजन को बंद कर दें। साथ ही मोहल्लों में कचरे को न जलाएं। ऐसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर हम सभी पर्यावरण प्रदूषण रोकने और प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं।

आपको बता दे, राजस्थान में पिछले 24 घंटे में 1 हजार 754 नए केस मिले। 1 हजार 591 लोग रिकवर हुए और 10 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 98 हजार 747 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 15 हजार 255 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 81 हजार 575 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1 हजार 917 मरीजों की मौत हो चुकी है।