26 दिसंबर को 2 लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करेंगे हनुमान बेनीवाल

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने किसान आन्दोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। RLP चीफ और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को कहा कि राजस्थान से दो लाख किसान और जवान दिल्ली कूच करेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे बेनीवाल ने केन्द्र सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था। बेनीवाल ने दोहराया कि दो लाख की संख्या को हरियाणा पुलिस बॉर्डर पर नहीं रोक पाएगी।

उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार आंदोलन को खत्म करना चाहती है। इसलिए हमारी पार्टी ने 26 दिसंबर को 2 लाख किसानों और युवाओं के साथ दिल्ली कूच करने का फैसला किया है।'

बेनीवाल ने संसद की समितियों से इस्तीफा दिया

वहीं बेनीवाल ने किसान आन्दोलन के समर्थन में संसद की समितियों से भी इस्तीफा दे दिया है। बेनीवाल ने कहा कि इस्तीफा आज ही लोकसभा स्पीकर को भिजवाया जा चुका है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल संसद की उद्योग सम्बन्धी स्थायी समिति, याचिका समिति और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य थे, जिससे उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।

वहीं बेनीवाल ने कहा कि एनडीए छोड़ने पर फैसला 26 दिसम्बर के बाद होगा। आज बेनीवाल के जयपुर स्थित निवास पर पार्टी की आपात बैठक हुई जिसमें पार्टी के तीनों विधायकों के साथ ही सभी प्रदेश और जिला पदाधिकारी शामिल हुए। बेनीवाल ने प्रेसवार्ता कर कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा किसान आन्दोलन को कुचलने की प्रतीत हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जिद छोड़कर किसानों की बात माननी चाहिए। बेनीवाल ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी पंचायतीराज और नगर निकाय चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ेगी।

उधर, किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें कामयाब होती नजर नहीं आ रही हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्‌ठी और प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद किसानों का प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी है। इस बीच शनिवार शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि मंत्री से मुलाकात की। खट्टर ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि किसानों के साथ अगले 2-3 दिनों में बातचीत होगी'।

खट्टर ने कहा- आंदोलन का हल जल्द से जल्द और बातचीत के जरिए ही निकाला जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, खट्टर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिल सकते हैं। इधर, दिल्ली में बढ़ती ठंड और सर्द हवा के बावजूद किसान दिल्ली-यूपी और हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं।