कोरोना का खौफ / कोरोना संदिग्ध बुजुर्ग ने अस्पताल की छत से लगाई छलांग, हुई मौत

कोरोना वायरस का खौफ लोगों के जहन में घर करता जा रहा है। जिसके चलते कोरोना संदिग्ध लोग अपनी जान दे रहे है। हाल ही में एक ताजा मामला जयपुर से सामने आया है। यहां एक 78 वर्षीय बुजुर्ग अस्पताल की छत से कूद गया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

78 वर्षीय कैलाश कोरोना संदिग्ध थे, संक्रमित नहीं। महामारी के खौफ और अस्पताल में अकेले रह जाने से वे नकारात्मकता से घिर गए थे। बुधवार सुबह उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। यानी वे आज डिस्चार्ज हो जाते। लेकिन रिपोर्ट आने से पहले उन्होंने अस्पताल की छत से छलांग लगा दी। गंभीर हालत में उन्हें तुरंत इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

मृतक की बहू ने लगाया ये आरोप

मृतक की बहू ने आरोप लगाया कि अस्पताल में व्यवस्थाएं सही नहीं हैं। ससुर काफी परेशान हो गए थे। वे यहां से जाना चाहते थे, लेकिन रुकना मजबूरी थी। अस्पताल में कोई डॉक्टर या स्टाफ बात भी अच्छे से नहीं करता है। हमें साथ रहने की इजाजत नहीं थी, भर्ती होने के साथ ही वो इन सब से बहुत परेशान थे।

रात को ही बुजुर्ग का बेटा उनसे मिलने आया। सभी को मिलने नहीं दिया जाता, लेकिन कैलाश के कम लक्षण और रिपोर्ट नहीं आने के कारण बेटे को मिलने दिया। इसके बाद बेटा घर चला गया। इसके बाद से ही वे डिप्रेशन में आ गए और पूरी रात सो नहीं पाए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पूरी सुरक्षा व्यवस्था है, बुजुर्ग बाथरूम से कूदे। इमरजेंसी में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बेटे और बहू के मुताबिक- बुजुर्ग अपनी बीमारी और अस्पताल की व्यवस्था से बहुत आहत थे।

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा का दौरा बुधवार को बगराना स्थित क्वाॅरेंटाइन सेंटर से शुरू होना निर्धारित था, लेकिन आरयूएचएस कोविड अस्पताल में बुजुर्ग के कूदने की सूचना पर सीधे यहां पहुंचे। हाॅस्पिटल प्रबaन्धन और पुलिस अधिकारियों से हादसे की जगह व परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली।

अस्पताल में व्यवस्थाएं बेहतर हैं। फिर भी पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ। मरीजों को अवसाद से निकालने संबंधी मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को ही बुजुर्ग को यहां लाया गया था। जांच में कोरोना वे नेगेटिव पाए गए।