राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन, 60 ट्रेनें डायवर्ट, 220 बसें रुकीं, भरतपुर-करौली समेत 4 जिलों में आज आधी रात तक इंटरनेट बंद

राजस्थान में मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC) में बैकलॉग की भर्तियों समेत अन्य मांगों को लेकर किरोड़ी सिंह बैसला गुट के गुर्जरों ने रविवार को फिर भरतपुर के बयाना स्थित पीलूपुरा के पास रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कुछ युवाओं ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की फिश प्लेटें उखाड़ दीं। गुर्जर समाज के कुछ पंच-पटेलों के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने नुकसान पहुंचाना बंद किया। फिर भी कुछ लोग पटरियों पर बैठ गए। इसकारण, करीब 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें 40 मालगाड़ी भी हैं। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया जबकि दो स्थगित करनी पड़ीं। आंदोलन को देखते हुए जयपुर, भरतपुर और करौली समेत 4 जिलों की 5 तहसीलों में 4 दिन पहले से इंटरनेट बंद है, जो आज रात आधी रात तक बंद रहेगा। दिल्ली-मुंबई के बीच चलने वाली ट्रेनों का रूट बदला गया है। सोमवार को चार ट्रेनों को रद्द कर दिया।

इससे पहले रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना से आगरा और आसपास के एरिया में जाने वाली करीब 220 बसों को रोक दिया गया। इस कारण सैकड़ों लोग जहां-तहां फंस गए। इस बीच, सरकार की ओर से बैंसला से वार्ता करने गए खेल मंत्री अशोक चांदना खाली हाथ ही जयपुर लौट गए। सरकार की ओर से बैंसला से बात करने गए खेल मंत्री अशोक चांदना खाली हाथ ही जयपुर लौट गए।

बैंसला गुट की हैं ये 6 प्रमुख मांगें

- समझौता और मैनिफेस्टो में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाली जाएं।
- भर्तियों में पूरा 5% आरक्षण मिले।
- आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी और मुआवजा मिले।
- आरक्षण विधेयक को नवीं अनुसूची में डाला जाए।
- एमबीसी कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को रेगुलर पे-स्केल मिले।
- देवनारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिया जाए।

रोडवेज और प्राइवेट बसें बंद, बेबस दिखे यात्री

गुर्जर आंदोलन की वजह से रोडवेज ने रविवार सुबह से ही बयाना-हिंडौन मार्ग पर बसों का संचालन बंद रखा। बस स्टैंड प्रभारी गंगाराम शर्मा ने बताया कि बयाना से हिंडौन के बीच रोजाना करीब 10 बसें चलती हैं। हालांकि लोक परिवहन बसें चलीं, लेकिन शाम 4 बजे आंदोलन होते ही वे भी बंद हो गई। इससे बयाना-हिंडौन मार्ग के यात्री काफी परेशान रहे।

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सभा में कहा कि उनके पास सीएम अशोक गहलोत का फोन आया था। उन्होंने उनसे विस्तार से बात करने के साथ ही भरोसा दिलाया है कि वे गुर्जर समाज की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करेंगे। इसलिए हमें मुख्यमंत्री गहलोत पर एक बार और भरोसा करना चाहिए।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- प्रदेश सरकार ने गुर्जरों से समझौता किया था लेकिन अब तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए वे पटरी पर हैं और कई ट्रेनें बाधित हो गईं, जिससे सैकड़ों आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।