राजस्थान / पहाड़ियों पर बैठे उपद्रवी, डूंगरपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा, फायरिंग में एक की मौत, 3300 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज

डूंगरपुर और उदयपुर के खेरवाड़ा में चल रहा प्रदर्शन रविवार सुबह शांत रहा। उदयपुर के खेरवाड़ा में प्रदर्शनकारी पहाड़ियों पर जाकर बैठ गए हैं। वहीं, आदिवासी जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें डीजी एमएल लाठर, आनंद श्रीवास्तव और दिनेश एमएन मौजूद रहे। इससे पहले देररात तक जयपुर से पहुंचे तीनों अधिकारी स्थिति काबू करने में जुटे रहे।

इससे पहले रात को आंदोलनकारियों ने पूरे खेरवाड़ा इलाके को घेर लिया और कई होटल और मकानों में आग लगा दी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 17 साल के तरुण अहारी नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि करीब 5 लोग घायल हो गए हैं।

उधर, डूंगरपुर के पास दोवड़ा में सुबह करीब 4 बजे एक गाड़ी में आग लगा दी गई। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने हाइवे अब भी बहाल नहीं होने दिया है। देर रात कुछ उपद्रवी हाइवे के पास बनी श्रीनाथ कॉलोनी में घुस गए। जहां बड़ी मात्रा में तोड़फोड़ की गई। कई घरों के शीशे तोड़ दिए गए। साथ ही कार और बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे लोग रातभर डर के साय में रहे।

डूंगरपुर बांसवाड़ा प्रतापगढ़ और उदयपुर में धारा 144 लगाते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और पूरे उदयपुर संभाग में रविवार को होने वाले पंचायत चुनाव भी रद्द कर दिए गए हैं। प्रशासन का दावा है कि भीड़ में कुछ बाहरी लोग घुस आए हैं, जो बातचीत नहीं होने दे रहे हैं और बातचीत को हिंसा का रूप दे रहे हैं। स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला है कि कुछ लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ से आए हैं क्योंकि उनकी भाषा यहां की स्थानीय भाषा नहीं है।

वहीं, तोड़फोड़, राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधा पहुंचाने, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे 16 मामलों में कुल 3300 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही अब तक 34 लोगों की गिरफ्तार दिखाई गई है।

क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?

12 अप्रैल 2018 को थर्ड ग्रेड टीचर भारतीय में आदिवासी क्षेत्र के लिए 5431 पद पर भर्ती निकली थी। आदिवासी इलाकों को टीएसपी एरिया कहा जाता है, जिसमें एसटी को 45 प्रतिशत ,एससी को 5% और सामान्य वर्ग को 50% आरक्षण है। इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे।

नियम के अनुसार, एससी और एसटी के छात्र 36 पर्सेंट नंबर लाकर पास कर सकते हैं, मगर सामान्य वर्ग के छात्रों को 60% नंबर लाना जरूरी है। ऐसे में सामान्य वर्ग से 1554 पद पर ही छात्र 60 % नंबर लाए और 1167 पद खाली रह गया। अब आदिवासी परीक्षार्थियों का मानना है कि बाकी रह गए 1167 पदों पर भी 36% नंबर लाने वाले आदिवासियों की भर्ती दी जाए। हाई कोर्ट इसे मना कर चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि सामान्य वर्ग के खाली पद भरने के लिए 60% अंक जरूरी है।

शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार कर गया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के 10 किमी तक के इलाके को कब्जे में ले लिया। पिछले 40 घंटे के अंदर करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली। मकानों में भी तोड़फोड़-लूटपाट की गई। कैंडिडेट 7 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बातचीत कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड महामारी के नियम तोड़ने और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसको लेकर कैंडिडेट का गुरुवार से गुस्सा भड़क उठा।