राजस्थान में डेंगू बेकाबू हाे चला है। यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस साल का आंकड़ा 13007 पहुंच चुका है। मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। चिकित्सा विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश में 30 मौतें हुई हैं, लेकिन सच यह है कि एसएमएस अस्पताल में ही डेंगू से अब तक 620 में से 50 मरीज दम तोड़ चुके है। आपको बता दे, इससे पहले 2019 में सबसे ज्यादा 13706 रोगी मिले थे।
मौजूदा स्थिति में अस्पताल में कुछ मरीज भर्ती होने के 24 से 72 घंटे के अंदर ही दम ताेड़ दे रहे हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी, मेडिसन के डॉ रमन शर्मा व डॉ अजीत सिंह का कहना है कि एक ही कम्यूनिटी में दो तरह के डेंगू वायरस ज्यादा फैलने के साथ गंभीर हो सकते हैं। डेंगू के नए वैरिएंट डेनवी-2 व डेनवी-3 के कारण मौत का खतरा अधिक है। चारों सीरोटाइप अलग-अलग तरह से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं।
केंद्र ने राजस्थान समेत दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत 9 राज्यों को पत्र लिखा है। अब तकनीकी मार्गदर्शन के लिए नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोगाम की टीम जयपुर आ सकती है। जो सरकार के आला अधिकारियों से मुलाकात करेगी।