राजस्थान : जयपुर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा, राज्य में अब तक 348 मामले

राजस्थान में कोरोनो संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बुधवार सुबह 4 साल के बच्चे समेत 5 नए पॉजिटिव मिले। इनमें से 3 जयपुर के रामगंज और घाट गेट इलाके से हैं। जयपुर में अब तक कोरोना संक्रमण के 111 मामले आ चुके हैं। इनमें 102 लोग रामगंज और उसके आसपस के क्षेत्रों के हैं। इनमें से 13 संक्रमित जमाती बताए जा रहे हैं। बाकी ओमान से लौटे एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए हैं। करीब 10 दिनों से रामगंज और उसके आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है। 102 में से 97 सिर्फ 1 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले है। जयपुर में आज संक्रमित मिले तीनों पहले पॉजिटिव मिल चुके लोगों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए। वहीं, बीकानेर और बांसवाड़ा में भी 1-1 केस सामने आया। इसके बाद राजस्थान में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 348 पर पहुंच गया है।

राज्य में अब तक छह लोगों की संक्रमण से जान जा चुकी है। इससे पहले मंगलवार को राज्य में 42 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। इनमें जोधपुर में 9, जैसलमेर में 13, बांसवाड़ा में सात, जयपुर में छह, भरतपुर और बीकानेर में 3-3 और चूरू का एक केस था।

वहीं 25 मार्च से जारी लॉकडाउन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि 15 अप्रैल के बाद लॉकडाउन रहेगा या नहीं यही सवाल बना हुआ है। केंद्र सरकार इस पर क्या रुख बनाती है ये 13 तारीख को पता चलेगा, लेकिन हमारा मानना है कि अलग-अलग राज्यों की स्थिति अलग-अलग है। हमें देखना होगा कि किन राज्यों में कितने मरीज हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां 40 जगह कर्फ्यू लगा हुआ है। यहां जो भी मरीज मिलता है, हम वहां 2 किमी के एरिया में कर्फ्यू लगा देते हैं और इसमें हम कामयाब भी हुए हैं। इस तरह से सब राज्यों को सोचना पड़ेगा। हम केंद्र सरकार की गाइडलाइन को फॉलो कर रहे हैं लेकिन साथ में हम सुझाव भी देते हैं। गहलोत ने कहा कि, हम चाहेंगे कि अपनी स्थिति के अनुसार हम अपना फैसला खुद करें। अशोक गहलोत ने बताया कि कोरोना वायरस की जो स्थिति देश-दुनिया में बनी थी मेरा मामना है कि जिन राज्यों और देशों ने इसको गंभीरता से लिया वहां काफी हद तक रोक लगी और फैलाव नहीं हो पाया। इनमें राजस्थान भी एक है। हमारे यहां जैसे ही पहला मरीज आया उसके बाद तत्काल सोसायटी को शामिल किया। इनमें पॉलिटिकल पार्टियों के लीडर्स का बुलाया गया, सोशल एक्टिविस्ट, रिटायर डॉक्टर्स से बातचीत की गई। इस प्रकार हमने कोशिश की। डॉक्टर्स, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालकों को बुलाया गया। हमने तैयारी इस तरह से की कि कोरोना के खिलाफ आगे लड़ाई लड़ सकें और इस तरह हम काफी हद तक कामयाब रहे।