
जयपुर में मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के सिविल लाइंस स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। ईडी की टीम जैसे ही उनके घर पहुंची, मौके पर जांच शुरू कर दी गई। इस कार्रवाई को लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी ईडी उनके यहां सर्च कर चुकी है और इस बार भी वे पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि ईडी अपना काम करे, हम अपना काम करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें न तो डर है और न ही कोई चिंता।
खाचरियावास ने इस रेड को भाजपा सरकार की राजनीतिक साजिश करार देते हुए जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सोच रही है कि ईडी भेजकर उन्हें डरा देगी, लेकिन प्रताप सिंह खाचरियावास न तो आज डरे हैं और न ही कल डरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार कर रही है, इसलिए उसे डरने की जरूरत है, कांग्रेस को नहीं।
ईडी द्वारा किसी भी नोटिस को लेकर उन्होंने साफ किया कि उन्हें और उनके परिवार को अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है और न ही उन पर कोई मामला दर्ज है। इसके बावजूद इस तरह की छापेमारी होना दर्शाता है कि भाजपा सरकार ईडी का इस्तेमाल कर राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें सबका इलाज करना आता है और इस तरह की कार्रवाइयों से वे न तो दबाव में आएंगे और न ही पीछे हटेंगे।
“हमें किसी से डर नहीं है” — यह कहते हुए कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी केंद्र की बीजेपी सरकार के अधीन है और डबल इंजन की सरकार से किसी निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने दावा किया कि बिना किसी ठोस वजह के उनके परिसर में सर्च की जा रही है, लेकिन वे इससे डरने वाले नहीं हैं। “हम पूरा सर्च करवाएंगे, हमें किसी से डर नहीं है,” उन्होंने दोहराया।
खाचरियावास ने कहा कि पिछले दो-ढाई वर्षों से उनके बयान लगातार बीजेपी को चुभ रहे हैं, और इसी वजह से उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा, “जो बीजेपी के खिलाफ बोलेगा, उसके यहां ईडी पहुंचेगी। मुझे पहले से पता था कि ईडी आएगी।”
कांग्रेस नेता ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि बीजेपी यह न भूले कि वे हमेशा सत्ता में नहीं रहेंगे। “सरकारें बदलती रहती हैं, जमाना भी बदलेगा। जिस दिन राहुल गांधी आएंगे, उस दिन आपका क्या होगा?” उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो शुरुआत की है, उसका अंजाम उसे खुद भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “आपने जो शुरू किया है, कल हम भी यही आपके खिलाफ करेंगे। मुझे सबका इलाज करना आता है।”
ये है पूरा मामलापूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ कार्रवाई प्रदेश के सबसे चर्चित 2850 करोड़ रुपये केPACL घोटाले के सिलसिले में की गई है। उन पर आरोप है कि इस घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी पहुंची है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था, जिसे पीएसीएल की संपत्तियां नीलाम कर छह माह में निवेशकों को ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। सेबी के अनुसार, पीएसीएल की करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं, जो निवेशकों की जमा राशि से चार गुना ज्यादा है।
सेबी ने पीएसीएल की योजनाओं को अवैध मानते हुए 22 अगस्त 2014 को कंपनी के सभी कारोबारों पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण लाखों निवेशकों की पूंजी कंपनी में ही फंस गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पीएसीएल और सेबी के बीच मामला चला, जिसमें सेबी को जीत मिली। लगभग 17 वर्षों तक रियल एस्टेट में सक्रिय रही इस कंपनी में राजस्थान के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देशभर के 5.85 करोड़ निवेशकों ने लगभग 49,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
इस घोटाले में बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में केस दर्ज हैं। सबसे पहले 2011 में इस घोटाले का खुलासा जयपुर में हुआ था, जहां पहला केस भी दर्ज हुआ। सूत्रों के अनुसार, प्रताप सिंह खाचरियावास की भूमिका करीब 30 करोड़ रुपये की राशि से जुड़ी बताई जा रही है, जिसे लेकर अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रही है।