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जयपुर। भजनलाल सरकार ने PTI भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े करने वाले 134 शारीरिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। गुरुवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया- पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई PTI भर्ती में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इसमें जांच के बाद 134 पीटीआई को बर्खास्त कर दिया गया है।
मदन दिलावर ने गुरुवार को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया- स्पेशल ऑपरेशन टीम ने हमें 243 शारीरिक शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। उन्होंने बताया था कि कांग्रेस सरकार के वक्त हुई पीटीआई भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। शिक्षा विभाग की ओर से की गई शुरुआती जांच के बाद हमने 134 शारीरिक शिक्षक, जिन्हें नियुक्ति दे दी गई थी। उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया है।
33 अभ्यर्थी कोर्ट से स्टे लेकर आ चुके इसके साथ ही 243 में 19 ऐसे अभ्यर्थी थे, जिन्हें अपॉइंट ही नहीं किया गया था। 10 ने जॉइन नहीं किया था। जबकि 33 अभ्यर्थी कोर्ट से स्टे लेकर आ चुके हैं। इनके खिलाफ शिक्षा विभाग कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा।
शिक्षा विभाग के 5 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया, 30 को किया बर्खास्तशिक्षा मंत्री ने बताया- शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक में शामिल ओम प्रकाश बिश्नोई को भी शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। जबकि 30 को निलंबित किया गया है। जिनकी आगामी जांच की जा रही है। इसके साथ ही 47 पर नियम अनुसार कार्रवाई जारी है।
दिलावर ने कहा- आने वाले समय में शिक्षा विभाग के अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी जांच की जाएगी। इसमें पता किया जाएगा कि उन्होंने भी किसी तरह की फर्जी डिग्री या डिप्लोमा के आधार पर तो नौकरी हासिल नहीं की है। अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और डॉक्युमेंट से नौकरी हासिल की थीसाल 2022 में 5546 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें 12वीं तक की पढ़ाई, शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र या डिप्लोमा की जरूरत थी। पीटीआई भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की डिग्री और अन्य डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन किया गया। इसमें कई दस्तावेज फर्जी या मिस मैच पाए गए।
चयनित 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज में विसंगतियां पाई गईं। जांच में यह भी पता चला कि कई ऐसे लोगों ने भी नौकरी हासिल कर ली थी, जिन्होंने केवल 8वीं तक की पढ़ाई की थी। 243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और दस्तावेजों के जरिए नियुक्ति हासिल की थी। इनकी लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई थी। इसके बाद अब शिक्षा विभाग ने 134 के खिलाफ कार्रवाई की है।