राजस्थान विधानसभा चुनाव: बारां-अटरू सीट पर भाजपा बदल सकती है अपना प्रत्याशी

बारां। राजस्थान में 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने हाड़ौती संभाग की बारां जिले की सीट पर सारिका सिंह चौहान को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सारिका पूर्व में भाजपा की ओर से बारां जिला प्रमुख रह चुकी हैं।

प्राप्त समाचारों के अनुसार भाजपा अब इस सीट पर इनके स्थान पर किसी और को अपना प्रत्याशी बनाने जा रही है। इसकी वजह यहां भाजपा की ओर से घोषित प्रत्याशी सारिका सिंह चौहान के जाति प्रमाण पत्र को लेकर सामने आए संशय को बताया जा रहा है। सारिका सिंह मूल रूप से मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं। उनकी शादी राजस्थान में हुई है। एमपी में सारिका सिंह चौहान की जाति ओबीसी कैटेगरी में है, जबकि राजस्थान की बारां-अटरू सीट पर उनका परिवार अनुसूचति जाति वर्ग में होने के कारण सारिका सिंह को भाजपा ने यहां एससी सीट पर टिकट दिया है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस सीट पर फिलहाल फिर से उम्मीदवार चयन को लेकर मंथन चल रहा है। सारिका के ससुराल पक्ष के चचेरे ससुर औंकारलाल चौहान जनता दल सरकार में स्वास्थ्य उप मंत्री रहे थे। वहीं सारिका सिंह भाजपा से पहले बारां जिला प्रमुख रह चुकी हैं। अब ऐसे में अगर सारिका सिंह का टिकट बदला जाता है तो बारां-अटरू सीट पर फिर दावेदारों के बीच घमासान होने की संभावना जताई जा रही है।

झालावाड़ा-बारां से लोकसभा सीट पर है भाजपा का कब्जा

उल्लेखनीय है कि बारां जिला लोकसभा क्षेत्र के लिहाज से झालावाड़ में शामिल होता है। हाड़ौती के चारों जिले दो लोकसभा सीटों में बंटे हुए हैं। इनमें एक सीट कोटा-बूंदी और दूसरी झालावाड़ा-बारां हैं। हाड़ौती को भाजपा का गढ़ माना जाता है। झालावाड़-बारां सीट से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कई बार सांसद रह चुकी हैं, वहीं उसके बाद अब लगातार तीन बार से उनके पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद हैं।

बारां जिले में प्रमोद जैन भाया का खासा प्रभाव


दूसरी तरफ बारां जिले में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं सीएम गहलोत के करीब कैबिनट मंत्री प्रमोद जैन ‘भाया’ का भी खासा प्रभाव है। हाड़ौती संभाग में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में बगावत का झंड़ा बुलंद हो रहा है। यहां की कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस बगावत से जूझ रही है। ऐसे बारां-अटरू से सीट पर भाजपा को नया प्रत्याशी घोषित करना इतना आसान नहीं होगा।