'भारत छोड़ो आन्दोलन' के समाचार प्रसारण ने दिलाई थी बाबू भाई को जेल की सजा

भारत छोड़ो आंदोलन या अगस्त क्रांति भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अंतिम महा लड़ाई थी। जिसने ब्रिटिश शासन की नींव को हिलाकर रख दिया था क्रिप्स मिशन के खाली हाथ भारत से वापस जाने पर भारतीय को अपने छले जाने का एहसास हुआ। इसके बाद से ही इस आन्दोलन की शुरुआत सार्वजनिक रूप से हो चुकी थी। आन्दोलन तो शुरू हो चूका था, लेकिन सबसे बड़ा काम था इस आन्दोलन की खबर को देश भर तक पहुँचाना। क्योंकि बिना खबर के फैले आन्दोलन में लोगों की सहभागिता होना मुश्किल था। इसके लिए उस समय रेडियों सबसे अच्छा साधन था। तो आइये जानते हैं किस तरह और किसने किया इस आन्दोलन का समाचार प्रसारण।

* समाचार प्रसारण में सबसे रोमांचकारी कार्य मुंबई शहर के विभिन्न केंद्रों से कांग्रेस रेडियो पर संचालन था इसके प्रसारण को मद्रास तक सुना जा सकता था।

* रेडियो प्रसारण का कार्य 14 अगस्त से सर्वप्रथम ऊषा मेहता ने प्रारंभ किया था, एक अन्य केंद्र पर बाबूभाई चला रहे थे।

* जबकि राम मनोहर लोहिया नियमित रूप से कांग्रेस रेडियो में बोलते थे।

* नवंबर 1942 में पुलिस ने खोज निकाला और बाबू भाई को 4 वर्ष की सजा हुई।