PNB Scam : बैंक ने कहा, दोषियों को बख्शेंगे नहीं वही पार्टियों के बीच चला आरोप-प्रत्यारोप

देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुंबई स्थित एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर घपला उजागर होने पर गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सुनील मेहता ने आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, "हम स्वच्छ बैंकिंग के लिए जाने जाते हैं। धोखाधड़ी 2011 में शुरू हुई। जैसे ही हमें पता चला, हमने तुरंत नियामकीय व कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। इस धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी हम नहीं बख्शेंगे।" पीएनबी ने एक तरह से अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं पर आरोप लगाते हुए कहा है कि धोखाधड़ी को लेकर इन बैंकों की शाखाओं के पास उपलब्ध सूचना या दस्तावेज उसके साथ साझा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय दैनिक आधार पर मामले की जानकारी ले रहा है और दोषियों पर आरोप तय करने में पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा, "बैंक किसी भी समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हमने केवल दोषियों के खिलाफ ही शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, बल्कि अपने उन कर्मचारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवाई है जो इसमें संलिप्त थे।"

मेहता ने कहा, "हम मसले का समाधान करने को लेकर आश्वस्त व प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों से नहीं मुकरेंगे।" घपले की रकम की रिकवरी के बारे में मेहता ने कहा, "हमने प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। ईडी भी परिसंपत्तियां जब्त कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि इस धनराशि से हम घपले की रकम की रिकवरी कर पाएंगे।" रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मोदी व उनके परिवार के सदस्यों की परिसंपत्तियां जब्द की हैं। उधर, घोटाला उजागर होने पर पीएनबी शेयर गुरुवार को 12 फीसदी लुढ़कर बंद हुआ। इससे एक दिन पहले बैंक के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। पीएनबी ने हीरा कंपनियों द्वारा बैंक को चूना लगाने की कार्यप्रणाली में अपने एक अवकाश प्राप्त कर्मचारी और अन्य भारतीय बैंकों के अधिकारियों की भी संलिप्तता स्वीकार की है। पीएनबी की टिप्पणी के अनुसार, दक्षिण मुंबई स्थित इसकी बैड्री हाउस शाखा के कर्मचारियों के साथ अपराधियों की मिलीभगत के जरिए संदिग्ध धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। पीएनबी ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क की जांच में पता चला है कि शाखा के जूनियर स्तर के अधिकारियों ने अनधिकृत रूप से व जालसाजी के तहत अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कुछ कंपनियों की ओर से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर विभिन्न भारतीय बैंकों की विदेशी शाखों की ओर से क्रेता को साख प्रदान किया। उन्होंने बताया, "लेटर्स ऑफ अंडरटेंकिंग (एलओयू) को अब तक धन के अंतरण में नहीं बदला गया है। इसलिए यह आकस्मिक दायित्व है। इस मामले का निराकरण हम तहकीकात पूरी होने के बाद करेंगे। अगर जांच प्रक्रिया में कहा जाता है कि यह आपका दायित्व है तो हम इसे स्वीकार करेंगे।"

दफ्तरों पर ED का छापा

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पीएनबी घपले के मुख्य आरोपी अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापेमारी की। ईडी ने नीरव मोदी के मुंबई, सूरत और नई दिल्ली स्थित दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापे मारे। ईडी के अधिकारियों ने बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में भारत डायमंड बॉर्स में फायरस्टार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्यायल, कुर्ला पश्चिम स्थित कोहिनूर सिटी में मोदी के निजी दफ्तर, उनके शोरूम, दक्षिण मुंबई में फोर्ट स्थित इट्स हाउस में बुटिक और लोअर परेल में पेनिंसुला बिजनेस पार्क स्थित वर्कशाप में छापेमारी की। गुजरात के सूरत में ईडी के अधिकारियों ने सचिन टाउन स्थित सूरत एसईजेड में छह हीरे की शिल्पशालाओं की तलाशी ली। इसके अलावा यहां हीरे के जेवरात के एक बड़े केंद्र रिंग रोड स्थित वेल्जियम टावर में एक दफ्तर पर भी ईडी ने छापा मारा।

वहीं, राजनीतिक दलों के नेता धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे रहे।` कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर धोखाधड़ी को न रोक पाने और नीरव मोदी को देश से भगाने में मदद करने वालों को पकड़ने में भी नाकाम रहने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने भाजपा पर जुलाई, 2016 में इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय में दाखिल शिकायत के बाद भी पीएमओ और अन्य प्राधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि हीरा व्यापारी नीरव मोदी द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक से 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी 'भारत को लूटने' का तरीका है जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकी बढ़ाई, उन्हें गले लगाया और फिर शराब कारोबारी विजय माल्या की तरह देश से फरार हो गया। गांधी ने ट्वीट कर कहा, "भारत को लूटने की नीरव मोदी द्वारा दी गई गाइड; प्रधानमंत्री को गले लगाओ। उनके साथ दावोस में दिखो। इस प्रभाव का इस्तेमाल कर 12 हजार करोड़ लूटो और जब सरकार दूसरी तरफ मुंह कर ले तो माल्या की तरह देश से भाग जाओ।" वहीं, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह धोखाधड़ी तब शुरू हुई जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी नीरव मोदी से दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में बात नहीं की थी।