पंजाब के भविष्य और भलाई के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता, नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा

पंजाब की राजनीति में पिछले कई महीनों से चल रही उठापठक थमने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने करीब दो माह पहले ही 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था। 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए चरणजीत सिंह चन्नी को 20 सितंबर को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बीच सिद्धू का यद कदम बेहद चौंकाने वाला बताया जा रहा है। हालाकि, सिद्धू ने कांग्रेस में बने रहने की बात कही है। सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है।

सिद्धू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए अपने इस्तीफे में लिखा, 'एक आदमी के चरित्र का पतन समझौते से शुरू होता है। मैं पंजाब के भविष्य और भलाई के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता। ऐसे में, मैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। मैं कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा।'

इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैंने आपसे कहा था। वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के के लिए सही नहीं है।'

गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष पद संभालने से पहले सिद्धू ने 2019 में अपने स्थानीय निकाय विभाग से हटाए जाने के बाद राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कांग्रेस में आये थे।