पाकिस्तान से मैच न खेलने का मतलब बिना लड़े ही हार मान लेना, यह सरेंडर करने से भी बुरा : शशि थरूर

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से क्रिकेट मैच के बहिष्कार करने की उठती मांगों के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है कि मैच नहीं खेलना सरेंडर करने से भी बुरा होगा। उन्होंने लिखा कि यह बिना लड़े ही हार जाने जैसा होगा। पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने की वकालत करते हुए उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान हुए मैच का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है-1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत ने विश्व कप में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेला और जीता भी था। इस बार पाकिस्तान से मैच न खेलने से सिर्फ दो प्वॉइंट का नुकसान नहीं होगा, बल्कि यह सरेंडर करने से भी बुरा और बिना लड़े हार जाने जैसे होगा।

दरहसल, पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। हमले में जैश का नाम सामने आने बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

बता दें कि इस साल होने जा रहे क्रिकेट विश्वकप में 16 जून को भारत और पाकिस्तान के बीच भिड़ंत प्रस्तावित है। पुलवामा की घटना के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने की मांग उठी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को क्रिकेट जगत में अलग-थलग करने के लिए बीसीसीआई आईसीसी को पत्र लिखने की तैयारी में है। हालांकि आधिकारिक रूप से ऐसा कोई बयान अभी तक नहीं आया है। भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज पहले से बंद है। सिर्फ आईसीसी के टूर्नामेंट में ही भारत-पाकिस्तान के मुकाबले होते रहे हैं।

बता दें कि दो दिन पहले बीसीसीआई से जुड़े एक सूत्रों ने कहा था कि अगर सरकार मना करेगी तो भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलेगी। BCCI के सूत्रों ने कहा, 'स्थिति कुछ समय के बाद स्पष्ट होगी, जब वर्ल्डकप करीब आ जाएगा। ICC का इससे कुछ लेना-देना नहीं है, अगर उस वक्त सरकार को लगता है कि हमें नहीं खेलना चाहिए, तो जाहिर है, हम नहीं खेलेंगे।'

बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष और कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने एक दिन पहले कहा था कि यदि क्रिकेट पर प्रतिबंध लगाना है, तो दूसरे खेलों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट पहले से ही बंद है। इसमें बीसीसीआई ने पॉलिसी भी बनायी है कि भारत सरकार की अनुमति से ही द्विपक्षीय क्रिकेट मैच खेले जा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार ने सिर्फ आईसीसी के मैचों के खेलने की अनुमति बीसीसीआई को दे रखी है।

हटाई पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें

पुलवामा हमले के बाद देशभर में गुस्से और आक्रोश का माहौल है। इस बीच देश के राज्य क्रिकेट संघों ने अपने-अपने मुख्यालयों से पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें हटाने का फैसला किया है। इस लिस्ट में नया नाम हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) का जुड़ गया है। एचपीसीए ने भी मंगलवार को अपने मुख्यालय में से 13 पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें हटा ली हैं। एचपीसीए स्टेडियम के मैनेजर कर्नल एच.एस. मन्हास ने कहा, "हमने पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजली देने के लिए एचपीसीए स्टेडियम में से सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें हटा दी हैं"। इन तस्वीरों में शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर और जावेद मियांदाद के नाम शामिल हैं। एचपीसीए स्टेडियम प्रदेश की राजधानी से 250 किलोमीटर स्थित है जो 2005 में अस्तित्व में आया था। इस स्टेडियम में उस दौरान भारतीय बोर्ड अध्यक्ष एकादश और पाकिस्तान टीम के बीच अभ्यास मैच का आयोजन किया गया था। अधिकारी ने बताया कि जो तस्वीरें थीं उनमें अधिकतर उसी अभ्यास मैच की थीं।