किसानों को पिस्तौल से धमकाती दिखीं पूजा खेडकर की मां हिरासत में

पुणे। विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को पुणे पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनकी गिरफ्तारी उनके एक पुराने वीडियो के सिलसिले में हुई है, जिसमें उन्हें कथित तौर पर पिस्तौल से किसानों को धमकाते हुए देखा गया था। मनोरमा खेडकर को भागने के बाद रायगढ़ के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ एक नई प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्ज की गई है।

पूजा खेडकर के माता-पिता मनोरमा और दिलीप खेडकर पिछले कुछ दिनों से फरार हैं, क्योंकि पुलिस ने उनके खिलाफ एक वीडियो के लिए एफआईआर दर्ज की है, जिसमें कथित तौर पर मनोरमा को पुणे जिले के मुलशी तहसील में एक भूमि विवाद के बाद बंदूक से कुछ व्यक्तियों को धमकाते हुए दिखाया गया है। पुणे ग्रामीण में पौड पुलिस ने खेडकर दंपति और पांच अन्य लोगों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें 323 (बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति को हटाना या छिपाना) शामिल है।

मुलशी क्षेत्र में यह घटना करीब दो महीने पहले हुई थी, लेकिन इसका वीडियो अब सामने आया है। वीडियो में पूजा की मां मनोरमा डी. खेडकर को पिस्तौल दिखाकर एक किसान को धमकाते देखा जा सकता है।

पुरुष बाउंसरों और महिला सुरक्षाकर्मियों की एक पेशेवर टीम के साथ मनोरमा खेडकर ने किसानों के साथ तीखी बहस की और इस दौरान उन पर पिस्तौल भी तान दी।

बाद में इलाके के पीड़ित किसानों ने दावा किया कि वे इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। अब उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की है।

उनकी संपत्ति के रिकॉर्ड के अनुसार, खेडकर परिवार के पास पुणे में 25 एकड़ से अधिक जमीन है। उन्होंने पड़ोसी किसानों को अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर करके वहां अपनी जमीन बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन ज्यादातर ने इस कोशिश का विरोध किया।

उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर हाल ही में सुर्खियों में आई थीं, जब उन पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था, साथ ही पुणे कलेक्टर कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान उनके आचरण का भी आरोप लगा था। उनके चयन को लेकर उठे विवाद ने खेडकर परिवार को सुर्खियों में ला दिया।

इसके बाद उन्हें पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने विवादास्पद आईएएस अधिकारी के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में वापस बुलाया गया।

महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अकादमी ने उनके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है और उन्हें तुरंत वापस बुला लिया है।

कुछ दिन पहले पुणे पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को एक नोटिस जारी कर अगले 10 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा था। दरअसल, मनोरमा खेडकर का एक वीडियो कुछ दिनों पहले वायरल हुआ था। इस वीडियो में पूजा खेडकर की मां मनोरमा किसानों से बात करते हुए पिस्तौल लहराते हुए दिख रही थी, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। किसानों से बात करते समय पूजा खेडकर के हाथ में पिस्तौल दिख रहा था। इस दौरान पूजा की मां के साथ कुछ बॉडीगार्ड्स भी थे।

वहीं, ये भी जानकारी सामने आई है कि पूजा खेडकर के पिता पर भी पहले भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। उन्हें दो बार निलंबित किया जा चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिलीप खेडकर को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से दो बार निलंबित किया गया था। दिलीप खेडकर को पहली बार 2018 में निलंबित किया गया था। उन्हें फरवरी 2020 में महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, साथ ही महाराष्ट्र जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) नियमों के तहत फिर से निलंबन का सामना करना पड़ा। रिश्वतखोरी और कई आरोपों में विभागीय जांच के परिणामस्वरूप निलंबन हुआ था।

आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार की ओर से चलाए गए अभियान के बाद खेडकर परिवार में दिलीप के. खेडकर, मनोरमा डी. खेडकर और उनकी बेटी पूजा डी. खेडकर की संपत्ति को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। केंद्र और राज्य ने पहले ही पूजा डी. खेडकर के खिलाफ आईएएस (पीओ) के रूप में उनके विभिन्न कथित कार्यों, उनके ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र, मेडिकल रिकॉर्ड, ट्रैफिक पुलिस डेटा आदि से संबंधित दस्तावेजों की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।