ई-सिगरेट पर मोदी सरकार सख्त, खरीदी या बेची तो 5 साल की कैद

वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी है कि ई-सिगरेट (e cigarette), ई-हुक्का और इस तरह के अन्य उपकरणों के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है और अगर ऐसा करता कोई पाया गया तो 5 वर्ष तक की कैद की सजा हो सकती है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक समेत निकोटिन (Nicotine) सेवान की सभी इलेक्ट्रानिक प्रणालियों, (धूम्रपान के) दहन की जगह आंच से प्रेरित उत्पादों, ई-हुक्‍का और इसी तरह के अन्य उपकरणों के निर्यात पर रोक लगाई जाती है।' यह अधिसूचना सरकार (Government) के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के तहत जारी की गई है।

हालांकि, औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत लाइसेंस प्राप्त उत्पाद इसमें शामिल नहीं है। सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई- सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा।

अध्यादेश के अनुसार, पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना है। अगली बार अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है। इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं। हाल ही में निदेशालय ने ई-सिगरेट के आयात पर प्रतिबंध लगाया था।

बता दे, सामान्य सिगरेट पीने को जहां स्मोकिंग कहते हैं वहीं, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जिसे ई-सिगरेट भी कहा जाता है पीने की आदत को स्मोकिंग नहीं बल्कि वेपिंग कहा जाता है। दरअसल, ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाली डिवाइस है जिसमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्‍स का घोल होता है। जब कोई व्यक्ति ई-सिगरेट का कश खींचता है तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप (vapour) में बदल देती है। इसीलिए इसे स्‍मोकिंग नहीं vaping (वेपिंग) कहा जाता है।

ई-सिगरेट के नुकसान?

एक शोध के मुताबिक ई-सिगरेट का सेवन करने से डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। ई-सिगरेट की वेपिंग की वजह से निमोनिया और दिल की बीमारी समेत 200 तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। जो लोग ई-सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। हालांकि अब तक दुनियाभर में ई-सिगरेट और वेपिंग के रिस्क को कमतर आंका जा रहा था लेकिन यूके में ई-सिगरेट पीने की वजह से अब तक हुई 12 मौतें और फेफड़े को नुकसान पहुंचने के 805 मामले सामने आने के बाद अब इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। साल 2016 में बर्मिंगम में एक महिला को लिपिओइड निमोनिया होने की बात सामने आयी थी जिसकी वजह ई-सिगरेट में मौजूद वेजिटेबल ग्लिसरीन था।

मोदी ने भी गिनाए ई-सिगरेट के नुकसान

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में तंबाकू का जिक्र करते हुए लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की है। पीएम मोदी ने कहा कि तंबाकू कई जानलेवा बीमारियों को जन्म देता है। तंबाकू से दिमाग का विकास प्रभावित होता है, सेहत के लिए हानिकारक है इसलिए इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि इसमें भी नुकसानदायक केमिकल होते हैं और लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है। पीएम मोदी ने युवाओं से ई-सिगरेट से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'ई-सिगरेट में कई खतरनाक केमिकल्स मिलाए जाते हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि तंबाकू का नशा छोड़ दें और ई-सिगरेट के बारे में कोई भी गलतफहमी न पालें।'