राजस्थान में मेडिकल सेवाओं से जुड़े कर्मचारी नहीं कर सकेंगे हड़ताल, बिना वारंट होगी सीधे गिरफ्तारी

राजस्थान में बीते कुछ दिनों पहले एंबुलेंसकर्मीयों द्वारा हड़ताल की गई थी। इसी के साथ ही मेडिकल सेवाओं से जुड़े कई कर्मचारी संगठन पिछले दिनों से अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार की तैयारी कर रहे थे। लेकिन इस बीच राजस्थान सरकार द्वारा अब अगले 6 महीने के लिए राजस्थान एसेंशियल सर्विसेज मेंटीनेंस एक्ट (RESMA) की अवधि बढ़ा दी गई हैं जिसके अंतर्गत अगले 6 महीने तक डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंसकर्मी सहित मेडिकल सेवाओं से जुड़े कोई भी कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे।

पहले 14 मार्च तक रेस्मा लगा हुआ था। अब इसे 14 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। गृह विभाग ने रेस्मा अवधि बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जाता है कि कोरोना वैक्सीनेशन का काम चलने और कई जिलों में कोरोना केस बढ़ने की आशंका को देखते हुए भी सरकार अभी मेडिकल सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार या हड़ताल को रोकना चाहती है।

रेस्मा लागू हाेने के बाद अब मेडिकल से जुड़ी सभी सेवाओं में हड़ताल या कार्य बहिष्कार गैर कानूनी हो गया है। हड़ताल करने वालों को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकेगा। सरकार ने इससे पहले पिछले साल कोरोना को देखते हुए 14 मार्च 2020 को मेडिकल सेवाओं पर रेस्मा लगाया था। रेस्मा के दायरे में डॉक्टर, नर्स के साथ सभी पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंसकर्मी और अस्पतालों से जुड़ी सभी सहायक सेवाओं के कर्मचारी आएंगे। रेस्मा लगने के बाद कोई भी कर्मचारी कार्य बहिष्कार या पेन डाउन हड़ताल नहीं कर सकता। सरकार इससे पहले भी कई बार रेस्मा लगाते रही है।