दौसा : गुर्जर समाज ने उठाए फिल्म 'पृथ्वीराज' के विरोध में सुर, चेतावनी देते हुए बोले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया जाए

अक्सर देखा जाता हैं कि जब भी कभी इतिहास से जुड़े मुद्दों पर फिल्म बनाई जाती हैं तो उसमें बताए गए कई तथ्यों पर विरोध उठ ही जाता हैं। जोधा-अकबर व पद्मावत को लेकर राजस्थान में बहुत विरोध देखने को मिला था। ऐसा ही कुछ विवाद अब अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म 'पृथ्वीराज' को लेकर उठ रहा हैं। गुर्जर समाज की पंचायत हुई जिसमें समाज के लोगों ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से कथित छेड़छाड़ की बात कही गई और आपत्तिजनक दृश्यों को नहीं हटाए जाने पर प्रदेश भर में आंदोलन की बात कही गई।

बुधवार को दौसा के आभानेरी स्थित देवनारायण मंदिर पर हुई पंचायत में पृथ्वीराज कसाना ने कहा- सम्राट पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज से संबंधित थे और वे भगवान देवनारायण के वंशज थे। उनकी मांग है कि फिल्म को रिलीज करने से पहले गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों को दिखाया जाए। फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 'पृथ्वीराज' यशराज फिल्म के बैनर तले बनी है। इसका निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है। फिल्म में एक्टर अक्षय कुमार और एक्ट्रेस मानुषी छिल्लर मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का टीजर जारी किया जा चुका है। फिल्म जनवरी 2022 में रिलीज़ होगी। इससे पहले यह पूरा विवाद सामने आया है।

इसलिए आपत्ति जता रहे गुर्जर

गुर्जर नेता देवराज चाड़ का कहना है उन्हें जानकारी मिली है कि फिल्म पृथ्वीराज रासो के उस महाकाव्य पर आधारित है जिसे ब्रज और राजस्थानी भाषा में प्रसिद्द कवि चंद बरदाई ने लिखा है। हमेशा से विवाद का विषय रहा है कि चंद बरदाई सम्राट के दरबार में कवि थे। शोधकर्ताओं ने भी माना है कि चंद बरदाई ने राजा के शासनकाल के लगभग 400 साल बाद 16वीं शताब्दी में पुस्तक लिखी थी। उन्होंने राजा के बारे में जो वृत्तांत प्रस्तुत किया है वह बहुत ही काल्पनिक है।