प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से 2 जून तक इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे। इस बीच समय निकालकर वे कुछ देर के लिए कुआलालमपुर में ठहरेंगे। इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन तीनों देशों के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं और उनके दौरे से देश की एक्ट ईस्ट नीति को और बढ़ावा मिलेगा। सिंगापुर में वह वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन शांगरी ला वार्ता को एक जून को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा। वह पहले इंडोनेशिया जाएंगे। इसके बाद बृहस्पतिवार को वे सिंगापुर को रवाना होंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री 31 मई को कुछ देर के लिए कुआलालमपुर में रुकेंगे। वे मलयेशिया के नव नियुक्त प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर एशियाई देशों में भारत के रणनीतिक भागीदार हैं। भारत सरकार शुरू से ही एशियाई देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
फेसबुक पेज पर जारी बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर बुधवार को वह जकार्ता में होंगे। राष्ट्रपति विडोडो के साथ 30 मई को विचार-विमर्श होगा। साथ ही भारत-इंडोनेशिया सीईओ के फोरम में हमारा संयुक्त वार्तालाप होगा। मैं इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करूंगा। उन्होंने कहा कि 31 मई को सिंगापुर जाते समय थोड़े समय के लिए मलेशिया में रुकेंगे जहां मलेशिया के नये नेतृत्व को बधाई देंगे और प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री एक जून को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। दो जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को गांधीजी की अस्थितयों का विसर्जन किया गया था।मोदी सरकार ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति को शुरू किया था जिसका उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना है।