पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की 94वीं जयंती की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनकी स्मृति में 100 रुपए का सिक्का जारी किया। लंबे समय तक वाजपेयी के सहयोगी रहे वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संबंधित समारोह में मौजूद थे। मोदी ने स्मृति सिक्का जारी करने के अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह वाजपेयी की विचारधारा और उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराने को मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अटल जी चाहते थे कि लोकतंत्र सर्वोच्च रहे। उन्होंने जनसंघ बनाया। लेकिन जब हमारे लोकतंत्र को बचाने का समय आया, तब वह और अन्य जनता पार्टी में चले गए। इसी तरह जब सत्ता में रहने या विचारधारा पर कायम रहने के विकल्प की बात आई तो उन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भाजपा की स्थापना की।' साथ ही पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, 'दिमाग यह मानने को तैयार ही नहीं है कि वे अब हमारे साथ नहीं हैं।'
100 रुपए के सिक्के में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर के साथ उनका नाम हिंदी और अंग्रेजी में लिखा होगा। इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा। इसके साथ ही इस पर वाजपेयी के जन्मतिथि (1924) और पुण्यतिथि (2018) भी लिखी होगी। उसके साथ ही दूसरी तरफ अशोक चक्र की तस्वीर होगी और उसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होगा।
बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री का लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में 16 अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अगस्त महीने में निधन हो गया था।
‘सदैव अटल’ बनकर तैयारपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ बनकर तैयार है। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को पहली प्रार्थना सभा अटल स्मृति न्यास की तरफ से रखी गई है। इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत विपक्षी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। फिलहाल समाधि की फिनिशिंग और सजावट का काम चल रहा है। यह स्थल 7 एकड़ में फैला है, जिसमें अटलजी की समाधि स्थल के लिए 1.5 एकड़ जमीन दी गई। राष्ट्रीय स्मृति स्थल कॉम्प्लेक्स में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायण, पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल, पीवी नरसिंह राव, चंद्र शेखर की समाधियां हैं।