राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री, एक दशक में तेजी से बदला देश

जोधपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (25 अगस्त) को राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी ने 10 मिनट देरी के लिए माफी मांगी। उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ट्रेन से जोधपुर पहुंचे। प्लैटिनम जुबली समारोह में राजस्थान के राज्यपाल, डिप्टी सीएम दीया कुमारी समेत कई बड़े नेता शामिल रहे। पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के आसपास 2500 जवानों की तैनाती की गई थी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने न्याय को सरल बनाने के लिए कई अप्रत्याशित कदम उठायें हैं। उन्होंने कहा कि हमने IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता को लागू किया है।

आज राजस्थान की सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इस इंटीग्रेशन प्रोग्राम की शुरुआत हुई है। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। पिछले कई सालों से ग्लोबल एजेंसी और देश ने भी भारत की तारीफ की है टेक्नोलॉजी और अपनी भाषा में लीगल डॉक्यूमेंट का एक्सेस गरीब के लिए सबसे बड़ा प्रभावी माध्यम बनेगा। देश में स्थानीय भाषाओं में लीगल डॉक्युमेंट्स जजमेंट लोगों को मिल सके, इसके लिए भी काम होने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए शुरुआत की है। सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन में एक सॉफ्टवेयर बना है, जिसे जुडिशल डॉक्यूमेंट 18 भाषाओं में ट्रांसलेट हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी न्यायपालिका ने निरंतर राष्ट्रीय विषयों पर सजगता और सक्रियता की नैतिक जिम्मेदारी निभाई है। कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने का, सीएए जैसे कानून देश के संवैधानिक एकीकरण का उदाहरण हमारे सामने है। इसी 15 अगस्त को मैंने लाल किले से सेकुलर सिविल कोड की बात की। इस मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार इतनी मुखर हुई हो, लेकिन हमारी हमारी ज्यूडिशियरी दशकों से इसकी वकालत करती आई है। राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर न्यायपालिका का ये स्पष्ट रुख न्यायपालिका पर देशवासियों में भरोसा और बढ़ाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के कैसे सरल और सहज तरीके से न्याय मिले, इसे लेकर काम किया गया है। उन्होंने कहा, आज देश के सपने भी बड़े हैं, देशवासियों की आकांक्षाएं भी बड़ी हैं। यह जरूरी है कि हम नए भारत के हिसाब से नए इनोवेशन करें और अपनी व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाएं। ये जस्टिस फॉर ऑल के लिए भी उतना ही जरूरी है। आजादी के इतने दशक बाद गुलामी की मानसिकता से उबरते हुये देश ने इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता को अपनाया है।

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान हाई कोर्ट के अस्तित्व से हमारे राष्ट्र की एकता का इतिहास भी जुड़ा है। आप सब जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जब 500 से ज्यादा रियासतों को जोड़कर देश को एक सूत्र में पिरोया था तो उसमें राजस्थान की भी कई रियासतें थीं। जयपुर, उदयपुर और कोटा जैसी कई रियासतों के अपने हाई कोर्ट भी थे। इनके एकीकरण से राजस्थान हाईकोर्ट अस्तित्व में आया। राष्ट्रीय एकता हमारी न्यायपालिका की भी आधारशिला है। यह आधारशिला जितनी मजबूत होगी, हमारी देश की व्यवस्थाएं भी उतनी ही मजबूत होगी।