चीन के बाहर अब दुनिया में कोरोना (COVID-19) से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। दुनिया भर में करीब एक लाख लोग इसकी चपेट में आ गए है। चीन में अबतक 3,042 लोगों की मौत हो चुकी है और यहां तकरीबन 80,552 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। चीन में 30 और लोगों की मौत हुई है और 143 नए कन्फर्म केस सामने आए हैं। कोरोना वायरस से दुनियाभर में 80 से ज्यादा देश प्रभावित हैं। चीन के बाद इटली और ईरान सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। भारत में कोरोना से अबतक 31 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि अमेरिका में कोरोना से अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। वहां कुल 129 कन्फर्म केस सामने आ चुके हैं।
दिल्ली में 31 मार्च तक सभी प्राइमरी स्कूल बंदकोरोना वायरस की वजह से दिल्ली में सभी प्राइमरी स्कूलों को एहतियातन 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली में पांचवीं क्लास तक के स्कूलों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया गया है। दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'एहतियाती उपाय के तौर पर हमारे बच्चों के बीच कोरोना वायरस ( COVID-19) के प्रसार की संभावना को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने 31/3/20 तक सभी प्राइमरी स्कूलों (सरकारी/ सहायता प्राप्त/ प्राइवेट/ MCD/ NDMC)को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया है।'
यह हाल सिर्फ दिल्ली का नहीं है बल्कि दुनियाभर में बच्चे कोरोना के खौफ से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इटली में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है जबकि कई जगहों पर स्कूल खुले तो हैं लेकिन खौफ की वजह से बच्चे नहीं जा रहे। इटली ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि वह देश के उत्तरी हिस्से के अलावा पूरे देश में स्कूलों को बंद कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सभी स्कूल और यूनिवर्सिटी 15 मार्च तक बंद रहेंगे।
30 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहेआलम यह है कि दुनियाभर में करीब 30 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। कुछ हफ्ते पहले तक तो सिर्फ चीन इकलौता देश था जिसने स्कूल, कॉलेजों को बंद किया था। बाद में जैसे-जैसे यह खतरनाक वायरस तेजी से दूसरे देशों में फैलता गया, हालत गंभीर होती गई। बुधवार तक 3 महाद्वीपों के 22 देशों ने स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया था। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र को कहना पड़ा कि जिस तेजी और जिस बड़े पैमाने पर शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है, यह अभूतपूर्व है।