आखिरी किताब में स्टीफन हॉकिंग ने बताया- आखिर कैसे हो सकता है धरती का विनाश

प्रो हॉकिंग के मौत के बाद हाल ही में उनके लेखों और निबंधों का संग्रह प्रकाशित हुआ है। इसका नाम है, 'ब्रीफ आंसर्स टू द बिग क्वेश्चन्स' (बड़े प्रश्नों के छोटे उत्तर)। बता दे, स्टीफन हॉकिन्स का 76 साल की उम्र में निधन हो गया था। साल 1974 में ब्लैक होल पर उनकी रिसर्च ने साइंस में कई बड़े बदलाव किए हैं। स्टीफन का दिमाग छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। वही इस किताब की बात करे तो इसमें धरती और हमारे जीवन से जुड़े कई जरूरी प्रश्नों उत्तर दिया गया है। भयंकर जलवायु परिवर्तन से लेकर एलियन के आक्रमण तक पर इस महान वैज्ञानिक ने कई ऐसी बातें कहीं हैं जो आगे चलकर सच हो सकती हैं। खास बात यह है कि आशावादियों को हॉकिंग की इन भविष्यवाणियों से डर लग सकता है।

स्टीफन हॉकिंग भविष्यवाणी करते हैं कि जेनेटिक एडिटिंग की तकनीक सुपरह्यूमन (महामानव) की एक नई जाति को जन्म देगी। लोग अपने जीन में एडिटिंग करके किसी खास गुण को पा सकेंगे। या किसी बुराई को छोड़ सकेंगे। या किसी पारिवारिक बीमारी को खत्म कर सकेंगे। लेकिन इसके जरिए तैयार होने वाली नई प्रजाति, एक ऐसी प्रजाति होगी जो खुद को और बेहतर तरह से डि़जाइन करने में सक्षम होगी। जिससे ये प्रजाति बहुत तेजी से खुद से भी उन्नत मानव प्रजातियां बनाती जाएगी। जिससे साधारण लोग इनसे कमजोर साबित होंगे और खत्म होते जाएंगे।

एक नए तरह का कंप्यूटर मानव छोड़ देगा इंसानों को पीछे

2017 में, प्रोफेसर हॉकिंग ने वियर्ड मैग्जीन से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बारे में कहा था, 'जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है।' वे इस बात से डरे हुए थे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी प्रजाति को सामने ले आएगी जो इंसानों को बहुत पीछे छोड़ देगी। इसके बाद इंसान और रोबोट आमने-सामने खड़े हो सकते हैं। जाहिर सी बात है ऐसा अगर हुआ तो इंसान, सोचने वाले रोबोट के सामने 19 ही साबित होगा।

हमें जल्द से जल्द दूसरे ग्रहों और सौर मंडलों पर जाकर बसना होगा

इस थियोरिटिकल भौतिक विज्ञानी का मानना था कि इंसान को ज्यादा वक्त तक दुनिया में बने रहने के लिए जरूरी है कि वह दूसरे ग्रहों और दूसरी सौर प्रणालियों पर अधिकार करे। उन्होंने कहा है, (दुनिया में) ज्यादा से ज्यादा फैलते जाना ही शायद वह उपाय है जो हमें, खुद हमसे बचा सकता है। मैं इस बात को पूरी तरह मानता हूं कि हमें धरती छोड़नी पड़ेगी। दरअसल वे मानते थे ऐसा इसलिए होगा क्योंकि धरती के संसाधन इसकी जनसंख्या के लिए जल्द ही बहुत कम साबित होंगे। यह बात स्टीफन हॉकिंग ने नॉर्वे साइंस एंड आर्ट्स फेस्टिवल में कही थी।

तेजाब की तेज बारिश में भीग जाएगी धरती

हॉकिंग की चिंता जलवायु परिवर्तन को लेकर भी थी। जो 2016 में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बढ़ गई थी। हॉकिंग ने ट्रंप के पेरिस एग्रीमेंट से हाथ खींच लेने के बाद बीबीसी से कहा था, "ट्रंप का यह कदम धरती को बर्बादी की कगार पर धकेल सकता है। यह शुक्र ग्रह की तरह हो सकती है जिसका तापमान 250'C होगा और यहां सल्फ्यूरिक एसिड (खतरनाक तेजाब) की बारिश हुआ करेगी।"

एलियन आए तो हमारा वही हाल होगा जो अमेरिका के मूल निवासियों का हुआ

वे यह भी सोचते थे कि अगर हमारी दुनिया के बाहर के जीवों से संपर्क होता है तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। 2010 में, उन्होंने डिस्कवरी चैनल से कहा था, "अगर एलियन यहां आते हैं तो वह हमें उससे ज्यादा प्रभावित करेगा जितना कोलबंस के अमेरिका पहुंचने ने किया था, स्थानीय अमेरिकियों के लिए अच्छा नहीं साबित हुआ था।" यानि हॉकिंग कह रहे थे कि एलियन के धरती पर आने से हम वैसे ही यहां से खत्म हो जाएंगे, जैसे अमेरिका के मूल निवासी कोलंबस के वहां पहुंचने के बाद खत्म हो गए।

बता दे, स्टीफन का जन्म 8 जनवरी को 1942 को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के परिवार में हुआ। परिवार में वित्तीय बाधाओं के बावजूद माता पिता ने ऑक्सफोर्ड से शिक्षा ली। फ्रेंक ने आयुर्विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। 1974 में ही हॉकिंग ने दुनिया को अपनी सबसे महत्वपूर्ण खोज ब्लैक होल थ्योरी से दी थी। उन्होंने बताया था कि कैसे ब्लैक होल क्वांटम प्रभावों की वजह गर्मी फैलाते हैं। महज 32 वर्ष की उम्र में वह ब्रिटेन की प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी के सबसे कम उम्र के सदस्य बने जबकि पांच साल बाद ही वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गए। उनकी तुलना महान वैज्ञानिक आइंस्टीन से की जाती थी और यह वही पद था जिस पर कभी महान वैज्ञानिक आइनस्टीन भी नियुक्त थे।