नई दिल्ली। बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने सोमवार (24 जून) को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की और उनसे संसद के उच्च सदन में एक “जीवंत और मजबूत” विपक्ष के रूप में उभरने को कहा, क्योंकि आगामी सत्र 27 जून से शुरू हो रहा है। बैठक में पटनायक ने पार्टी के नौ सांसदों को राज्य के हितों से जुड़े मुद्दों को उचित तरीके से उठाने का निर्देश भी दिया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बीजेडी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, “इस बार बीजेडी सांसद केवल मुद्दों पर बोलने तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अगर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ओडिशा के हितों की अनदेखी करती है तो वे आंदोलन करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।”
पात्रा ने कहा कि बीजद सांसद ओडिशा को विशेष दर्जा देने की मांग के अलावा राज्य में खराब मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंक शाखाओं की कम संख्या के मुद्दे भी उठाएंगे। उन्होंने कहा, कोयला रॉयल्टी में संशोधन की ओडिशा की मांग को केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों से नजरअंदाज किया है। इससे राज्य के लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है और वे अपने हक के हिस्से से वंचित हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजद भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मुद्दों के आधार पर समर्थन देने के अपने पुराने रुख पर कायम रहेगी, पात्रा ने कहा, अब भाजपा को समर्थन नहीं, केवल विपक्ष को। हम ओडिशा के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
बाद में उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, भाजपा को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता। बीजद अध्यक्ष ने हमसे कहा कि यदि एनडीए सरकार ओडिशा की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज करती रही तो हमें एक मजबूत और जीवंत विपक्ष के रूप में काम करना चाहिए।
बीजद के पास राज्यसभा में नौ सांसद हैं, जबकि 1997 में अपने गठन के बाद पहली बार हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में वह कोई भी सीट जीतने में विफल रही। भाजपा द्वारा 24 साल पुरानी उसकी सरकार को समाप्त करने के साथ ही बीजद ने राज्य में सत्ता भी खो दी।
बीजद ने पिछले कुछ वर्षों में न केवल संसद में विभिन्न मुद्दों पर भाजपा का समर्थन किया, बल्कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को 2019 और 2024 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने में भी मदद की।