जिले कुम्हेर थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात जयपुर पुलिस ने दबिश देकर नकली अभ्यर्थियों से एग्जाम दिलवाने वाले गिरोह के फरार सरगना को गिरफ्तार किया। जो राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थी से डेढ़ से तीन लाख रुपए वसूलकर उनकी जगह नकली अभ्यर्थियों से एग्जाम दिलवा रहा था। आरोपी का नाम चेतराम प्रजापत उर्फ जितेंद्र प्रजापत (28) है।
जानकारी अनुसार, आरोपी की तलाश में जयपुर की जालूपुरा थाना पुलिस ने कई बार भरतपुर में दबिश दी। लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगा। सोमवार रात आरोपी को भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। जो भरतपुर के गांव हेलक का रहने वाला है। वहीं, इनमें ज्यादातर अभ्यर्थी भी भरतपुर के थे। परीक्षा दिलवाने के लिए 2 किश्तों में 3 लाख रुपए वसूल करती थी गैंग
जालूपुरा थानाप्रभारी राम सिंह जाट ने बताया कि चेतराम, बलराम गुर्जर की गैंग पुलिस भर्ती परीक्षा में पास कराने की गारंटी लेकर 3-3 लाख रुपए में सौदा करती थी। इनमें डेढ़ लाख रुपए परीक्षा से पहले और डेढ़ लाख रुपए परीक्षा पास करने के बाद मांगते थे। कई युवकों से मोटी रकम वसूल भी कर ली। इसके बाद राजस्थान की इस गैंग ने बिहार में मौजूद मनीष कुमार से संपर्क किया था। मनीष कुमार यहां की स्थानीय गैंग के मास्टरमाइंड बलराम गुर्जर का परिचित था। जिसके मार्फत बिहार के युवक यहां असली अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने भेजे जाते थे।असली अभ्यर्थी के फोटो आईडी व प्रवेश पत्र को एडिट करके फोटो बदल देते थे
यह गैंग असली अभ्यर्थी के फोटो पहचान पत्र, परिचय पत्र, आधार कार्ड ले लेते हैं। इसके बाद फोटो कॉपी को स्कैन व एडिट करने के बाद उन पर बिहार से आने वाले फर्जी अभ्यर्थी के फोटो लगाकर उसे परीक्षा में बैठा देते थे। परीक्षा खत्म होने के बाद गैंग के लाेग अभ्यर्थी को बताते थे कि एग्जाम में उनकी जगह बैठने वाले फर्जी अभ्यर्थी कितने प्रश्न सॉल्व करके आए हैं। ताकि वे संतुष्ट हो जाएं। फरार चेतराम को पकड़ने में स्पेशल टीम के हैडकांस्टेबल मुरारीलाल ने अहम भूमिका निभाई।