उदयपुर : पुलिस ने किया 40 तोला सोना चोरी का खुलासा, बेटे ने ही दिया था वारदात को अंजाम

उदयपुर जिले के गोगुंदा में शिक्षक राम प्रसाद के घर हुई 40 तोला यानी करीब 20 लाख रुपए के सोने की चोरी के मामले में 5 आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। हैरानी की बात यह है कि चोरी किसी और ने नहीं बल्कि रामप्रसाद के बेटे शेखर ने ही अपने चार साथियों के साथ की थी। थाना अधिकारी मोहम्मद पठान ने बताया कि घर से हुई चोरी की घटना के बाद शक के आधार पर फरियादी के बेटे शेखर से पूछताछ की गई थी जिसमें उसने अपने चार साथियों के साथ चोरी की वारदात कबूल की है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि शेखर ने घर की अलमारी में रखे 40 तोले सोने के आभूषण और नगदी अपने दोस्त रवि के साथ मिल चोरी किए थे। जिसके बाद शेखर और रवि ने सोने के आभूषण गोगुंदा निवासी घनश्याम और मयंक सोनी को बेचे थे। इसके बाद शेखर ने सोना बेच आई राशि को अपने दोस्त करण के पास रखा था। ऐसे में पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

बता दें कि शनिवार को गोगुंदा के खटीक मोहल्ले में शिक्षक राम प्रसाद के घर से 40 तोला सोना और नकदी गायब हो गई थी। जिसके बाद राम प्रसाद ने गोगुंदा थाने में मामला दर्ज करवाया था। वही मौके पर पहुंची पुलिस को घर में किसी तरह की चोरी और लूट की वारदात के सबूत नहीं मिले। जिसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने फरियादी राम प्रसाद के बेटे शेखर से पूछताछ की। जिसमें शेखर ने घर में हुई चोरी की वारदात कबूल की है।

इस तरह हुआ वारदात का खुलासा

चोरी की घटना के बाद पुलिस को घर में कोई भी ताला टूटा नहीं मिला। बल्कि, पहले की तरह घर में सभी चाबियां और अलमारी व्यवस्थित थी। ऐसे में पुलिस को घर के ही किसी सदस्य पर शक था। जिसके बाद पुलिस ने बेटे शेखर के बारे में जानकारी जुटाई। इस पर पुलिस को कुछ ऐसा क्लू मिला, जिससे उनका शक और गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने शेखर से सख्ती से पूछताछ की, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

लोन चुकाने के लिए शेखर ने की थी चोरी

पुलिस ने बताया कि शेखर किराने की दुकान चलाता है। उसने हेल्थ प्रोडक्ट खरीदने के लिए मोबाइल एप से ऑनलाइन लोन लिया था। यह लोन ब्याज मिलाकर करीब ढाई लाख रुपए हो गया था। लोन देने वाली कंपनी लोन की रिकवरी के लिए शेखर को परेशान कर रही थी। इसी वजह से शेखर ने अपने अपने ही घर में वारदात को अंजाम दिया। शेखर ने कि उसने 40 हजार का लोन 1 साल के लिए लिया था। लेकिन, बैंक ने 7 दिन बाद ही लोन चुकाने के लिए उसे फोन किए जाने लगे और प्रतिदिन 300 रु. पेनल्टी लगाना शुरू कर दिया। जिससे लोन बढ़ते-बढ़ते ढाई लाख हो गया।