क्या घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! पेट्रोलियम कंपनियों के प्रमुखों के साथ आज PM मोदी की मीटिंग

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध और कीमतों में आए दिन बढ़ोत्तरी से बदलते ऊर्जा परिदृश्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को तेल एवं गैस क्षेत्र की वैश्विक और भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से विचार विमर्श करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीसरी सालाना बैठक में तेल एवं गैस खोज तथा उत्पादन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने पर भी चर्चा होगी। पांच जनवरी 2016 में हुई पहली बैठक में प्राकृतिक गैस की कीमतों को बढ़ाने का सुझाव मिला था जिस पर साल भर बाद सरकार ने उस प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाने की मंजूरी दी थी जिसके उत्पादन में लागत ज्यादा आती है।

वहीं बीते साल अक्तूबर में हुई दूसरी बैठक में ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड के स्रोतों से तेल और गैस उत्पादन के लिए विदेशी और निजी कंपनियों को बराबर अवसर दिए जाने का सुझाव मिला था। यह सुझाव ओएनजीसी और ओआईएल के पुरजोर विरोध के चलते कार्यान्वित नहीं हो पाया था। दरअसल प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में देश में उत्पादित होने वाले तेल और गैस पर निर्भरता को वर्ष 2022 तक दस फीसदी से 67 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य रखा था। इस लिए घरेलू गैस और तेल उत्पादन में निजी निवेश को बढ़ाने का विचार बनाया था। मालूम रहे कि बीते चार साल में घरेलू उत्पादन की दर नहीं बढ़ी है जबकि मांग हर साल 56 फीसदी बढ़ती रही है।

सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद ए अल फलीह, बीपी के सीईओ बॉब डुडले, टोटल के प्रमुख पैट्रिक फॉयेन, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और वेदांता के प्रमुख अनिल अग्रवाल के सोमवार की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। इस बैठक का संयोजन नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है। समझा जाता है कि बैठक में कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव तथा अमेरिका के ईरान पर प्रतिबंध की चुनौतियों पर विचार विमर्श होगा। इनके अलावा बैठक में ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर, आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह, गेल इंडिया के प्रमुख बी सी त्रिपाठी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के चेयरमैन मुकेश कुमार शरण, आयल इंडिया के चेयरमैन उत्पल बोरा और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के चेयरमैन डी राजकुमार भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री ने 2015 में लक्ष्य रखा था कि भारत 2022 तक पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता 2014-15 की तुलना में 10 प्रतिशत कम कर 67 प्रतिशत पर लाएगा।

बता दें कि सरकार की ओर से तेल कीमतों में कमी के बाद भी लगातार हर रोज दाम बढ़े हैं और इसकी वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम पुराने स्‍तर तक पहुंच चुके हैं। पेट्रोल के दाम रविवार को देश के चार महानगरों दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई में क्रमश: इस प्रकार रहे- 82.72, 88.18, 84.54 और 85.99 रुपये प्रति लीटर।

डीजल की कीमतें भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीजल का भाव रविवार को दिल्‍ली में 75.38 प्रति लीटर, मुंबई में 79.02, कोलकाता में 77.23 और चेन्‍नई में 79.71 रुपये प्रति लीटर रहा। राज्‍यों में टैक्‍स की अलग-अलग दरों के चलते कीमतों में अंतर आता है। जहां पर भी वैट ज्‍यादा होता है वहां पर पेट्रोल-डीजल महंगे होते हैं जबकि इसके कम होने पर पेट्रोल-डीजल सस्‍ता होता है।

बता दे, देश गैस की जरूरत को पूरा करने के लिए 83 फीसदी तक निर्यात पर निर्भर है।